SME IPO: कैपिटल मार्केट रेलुगेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज (SME) की लिस्टिंग फ्रेमवर्क की समीक्षा के लिए 19 नवंबर को एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है. इसमें अन्य सिफारिशों के अलावा न्यूनतम आवेदन राशि बढ़ाकर 2 लाख रुपये या 4 लाख रुपये प्रति आवेदन करने का प्रस्ताव दिया है. इसने कुछ एसएमई आईपीओ (SME IPO) नियमों को मेनबोर्ड इश्यू पर लागू नियमों के अनुरूप करने का भी प्रस्ताव किया है.

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सेबी के प्रस्ताव के अनुसार, बड़े निवेशकों के लिए रिजर्व हिस्से में से एक तिहाई हिस्सा 10 लाख रुपये तक के निवेश करने वालों के लिए रखा जाएगा, जबकि बाकी दो तिहाई हिस्सा इस श्रेणी के अन्य निवेशकों के लिए होगा. 

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बाजार नियामक ने न्यूनतम निवेशकों की संख्या 50 से बढ़ाकर 200 करने का भी प्रस्ताव किया है. SME IPO सेगमेंट में, इसने ऑफर फॉर सेल (OFS) के साइज को कुल इश्यू साइज के 20% तक सीमित रखने का प्रस्ताव दिया है. रेगुलेटर ने SME IPO में 20 करोड़ रुपये से अधिक के फंड की निगरानी का भी प्रस्ताव दिया है.    

इसके अलावा, SME IPO में प्रमोटर लॉक इन को 3 से बढ़ाकर 5 साल करने का इरादा है. जनरल कॉरपोरेट पर्पस की सीमा इश्यू के 10% या अधिकतम 10 करोड़ रुपये, दोनों में जो कम हो, करने का प्रस्ताव दिया.

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रेगुलेटर ने प्रस्ताव दिया है कि अगर SME IPO वाली कंपनी के प्रमोटरों में से कोई भी जानबूझकर लोन नहीं चुकाने वाला, भगोड़ा, वित्तीय अपराधी या पहले से ही प्रतिबंधित इकाई पाया जाता है तो पूरे प्रमोटर समूह पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. रेगुलेटर ने प्रोमोटर्स ग्रुप या संबंधित पक्षों द्वारा लिए गए लोन को चुकाने के उद्देश्य से एसएमई आईपीओ (SME IPO) पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रस्ताव किया है.