नई लिस्टेड कंपनियों के लिए बड़ी खबर, कंपनी के पहले नतीजे जारी करने को लेकर मिल सकती है ये राहत
सेबी ने कहा कि नई लिस्टेड कंपनियों को लिस्टिंग के बाद अपना पहले वित्तीय नतीजे का खुलासा करने के लिये पर्याप्त समय देने को लेकर लिस्टिंग के दिन से कम-से-कम 15 दिन का समय देने का प्रस्ताव किया गया है.
शेयर बाजार में लिस्टेड नई कंपनियों को बड़ी राहत मिल सकती है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) ने नई लिस्टेड कंपनियों के पहले फाइनेंशियल रिजल्ट्स की घोषणा को लेकर राहत देने के लिए कदम उठाया. इसके तहत, ऐसी कंपनियों को अपना पहला फाइनेंशियल रिजल्ट जारी करने के लिये 15 दिन का अतिरिक्त समय देने का प्रस्ताव किया गया है. सेबी को नई लिस्टेड कंपनियों की तरफ से लिस्टिंग के तुरंत बाद पहले फाइेंशियल रिजल्ट की घोषणा को लेकर पेश आने वाली चुनौतियों को लेकर रिपोर्ट मिले थे.
क्या है नियम?
मौजूदा लिस्टिंग ऑब्लिगेशन्स और डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट (LODR) के तहत सभी लिस्टेड एंटिटीज को प्रत्येक तिमाही के खत्म होने के 45 दिन के भीतर तिमाही वित्तीय नतीजे की घोषणा करनी होती है. वहीं अंतिम तिमाही और सालाना नतीजे के मामले में लिस्टेड कंपनियों को वित्त वर्ष समाप्त होने के 60 दिन के भीतर इसकी घोषणा करनी होती है.
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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने एक कंसल्टेशन पेपर में कहा, वैसे मामले में जब कंपनियां वित्तीय नतीजे की घोषणा को लेकर निर्धारित समयसीमा के आसपास लिस्टिंग होती हैं, उन्हें पहले वित्तीय नतीजे की घोषणा को लेकर काफी कम समय मिलता है. नियामक ने कहा, चूंकि वित्तीय नतीजे कीमत से जुड़े संवेदनशील मामले होते हैं, ऐसी घोषणा लिस्टिंग के तुरंत बाद होने से कंपनी के शेयर प्राइस पर व्यापक असर पड़ सकता है.
कंसल्टेशन पेपर पर 6 मार्च तक मांगा सुझाव
सेबी ने कहा कि नई लिस्टेड कंपनियों को लिस्टिंग के बाद अपना पहले वित्तीय नतीजे का खुलासा करने के लिये पर्याप्त समय देने को लेकर लिस्टिंग के दिन से कम-से-कम 15 दिन का समय देने का प्रस्ताव किया गया है. बाजार नियामक ने लोगों से इस प्रस्ताव पर 6 मार्च तक सुझाव देने को कहा है.
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इसके अलावा, सेबी ने लिस्टेड कंपनियों में निदेशक, अनुपालन अधिकारी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी के पदों पर नियुक्ति को लेकर समयसीमा का सुझाव दिया है. साथ ही मौजूदा लिस्टिंग ऑब्लिगेशन्स और डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट के तहत बार-बार नियमों का अनुपालन नहीं करने या लिस्टेड कंपनियों की तरफ से जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर प्रबंध निदेशक, पूर्णकालिक निदेशक और सीईओ के डीमैट खातों (Dmat Accounts) को जब्त करने को लेकर भी समयसीमा का प्रस्ताव किया है.
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(भाषा इनपुट के साथ)