Adani Power: गौतम अडानी की मुश्किलें बढ़ रही हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट्स के बाद अब SEBI भी अडानी ग्रुप पर पैनी नजर रख रहा है. नतीजा ये है कि पिछले एक हफ्ते में दो बार दो कंपनियों को SEBI ने नोटिस भेजा है. पहले अडानी एनर्जी और अब अडानी पावर को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अडानी ग्रुप की पावर जनरेशन कंपनी अडानी पावर ने सोमवार को एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि उसे मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI से एक शो-कॉज नोटिस मिला है. इस खबर के बाद अडानी पावर के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है. ग्रुप की दूसरी कंपनियों के शेयरों में भी बिकवाली हावी है. 

शेयरों में हावी है बिकवाली

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मंगलवार को BSE पर पहले सत्र के दौरान अडानी पावर का शेयर ₹21 यानी 3.5% गिरकर ₹578.1 प्रति शेयर तक पहुंच गया. हालांकि, थोड़े अंतराल पर शेयरों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. वहीं, अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स में भी 2% तक की गिरावट देखने को मिली है. ग्रुप के दूसरे शेयरों में अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस में भी करीब आधा फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

रेगुलेटर को सफाई देगी कंपनी

कंपनी की रेगुलेटर फाइलिंग में बताया गया कि SEBI ने अपनी लंबित जांचों में से एक को पूरी कर अडानी पावर को एक शो-कॉज नोटिस जारी किया, जिसमें "कई संस्थाओं की शेयरहोल्डिंग को गलत तरीके से कैटेगराइज करने" का आरोप लगाया गया है. ये आरोप पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों के उल्लंघन से संबंधित हैं. अडानी पावर ने कहा कि वह रेगुलेटर्स को जानकारी, दस्तावेज और स्पष्टीकरण देने की प्रक्रिया में है.

अडानी पावर का क्या है बयान

अडानी पावर ने अपने बयान में कहा कि कंपनी और उसका मैनेजमेंट को कानूनी सलाह के आधार पर यकीन है कि सभी ट्रांजैक्शन और प्रमोटर्स और पब्लिक शेयरहोल्डिंग से जुड़े डिस्क्लोजर लॉ और रेगुलेशन के मुताबिक ही किए गए हैं. शो-कॉज नोटिस के कानूनों के किसी भी उल्लंघन का कोई ठोस सबूत नहीं है और न ही इसका फाइनेंशियल रिजल्ट्स पर कोई असर होगा. यह नोटिस उन आरोपों के अनुरूप है जो इस साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर लगाए गए थे. हालांकि, अडानी समूह ने इन सभी आरोपों को कई बार खारिज किया है.

अडानी पावर की सफाई

अडानी पावर के मुताबिक, हिंडनबर्ग की तरफ से लगाए गए आरोपों का उसकी मौजूदा वित्तीय स्थिति पर कोई खास असर नहीं पड़ा है और इसके लिए किसी स्पेशल एडजस्टमेंट की जरूरत नहीं है. कंपनी ने साफ किया 30 सितंबर 2024 तक हमारे फाइनेंशियल्स में कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है. ये मामला ऐसे वक्त में सामने आया है जब कुछ दिन पहले ही अडानी समूह की एक और कंपनी अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने भी इसी तरह के मुद्दों को लेकर SEBI से नोटिस मिलने की पुष्टि की थी. SEBI की यह कार्रवाई उस वक्त हो रही है जब SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने खुद हिंडनबर्ग की तरफ से लगे आरोपों का खंडन कर रही हैं.