SEBI Penalty: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने ARG Management Solutions Pvt Ltd पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है. सेबी ने कंपनी की ओर से Nutraplus India Ltd के शेयर प्राइस में हेर-फेर करने के संबंध में ये जुर्माना लगाया है. सेबी ने जनवरी 2015 से जुलाई 2017 के बीच इस मामले की जांच की थी. इस दौरान सेबी ने न्यूट्राप्लस इंडिया लिमिटेड के शेयरों की जांच की और पता चला कि इस शेयर के प्राइस में PFUTP (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार का निषेध) के मानदंडों का उल्लंघन पाया गया. इस उल्लंघन के बाद सेबी ने एआरजी मैनेजमेंट सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाय गया है. 

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शेयरों के प्राइस में हेर-फेर का आरोप

सेबी ने अपनी जांच में पाया कि ARG Management Solutions (नोटिस) सहित कुछ संस्थाओं ने कथित तौर पर कीमत में हेर-फेर किया था और स्क्रिप में ट्रेडिंग का मिसलीडिंग अपीरयंस बनाया गया था. 

इसके अलावा, नोटिस ने न्यूट्राप्लस इंडिया लिमिटेड के शेयर प्राइस को बढ़ाने में योगदान दिया था और 4000 बार पर मामूली मात्रा (एकल शेयर) में शेयर खरीदे और शेयर का प्राइस लास्ट ट्रेडेड प्राइस बढ़ाकर 4,228.90 रुपए तक ले आया. कंपनी ने ये काम जनवरी 2015 से फरवरी 2016 के बीच किया, जो कि सेबी की नजरों में PFUTP (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार का निषेध) का उल्लंघन है.

सेबी ने भेजा कारण बताओ नोटिस

इसके बाद सेबी ने ARG Management Solutions (नोटिस) और दूसरी संस्थाओं को उल्लंघन करने के मामले में 14 फरवरी 2020 को कारण बताओ नोटिस भेजा. इसके बाद सेबी के न्यायनिर्णायक अधिकारी (AO) ने 31 मार्च, 2020 को एक आदेश पास किया, जिसमें बताया गया था कि नोटिस के खिलाफ जो चार्ज लगाए गए हैं, उन्हें स्थापित नहीं किया गया है. 

बिना पेनाल्टी के वापस लिया कारण बताओ नोटिस

इसके बाद अधिकारी ने नोटिस पर बिना पेनाल्टी लगाए कारण बताओ नोटिस हटा दिया. हालांकि सेबी ने पाया कि नोटिस को ना रखने का अधिकारी का फैसला गलत था और सिक्योरिटी मार्केट के हित में नहीं था. इसके बाद 29 अप्रैल 2020 को ARG Management Solutions के खिलाफ दूसरा कारण बताओ नोटिस भेजा. 

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्वनी भाटिया ने कहा कि कंपनी ने एकल शेयर में बढ़ती हुई कीमत में 4000 बाय ट्रेड्स किए, जिससे शेयर का लास्ट ट्रेडेड प्राइस में पॉजिटिव कॉन्ट्रिब्यूशन हुआ और ये शेयर प्राइस 4,228.90 रुपए तक पहुंचा. इससे नोटिस ने शेयर के प्राइस में भ्रामकता फैलाई और NIL के स्टॉक प्राइस में ट्रेडिंग को लेकर मिसलीड किया. 

ऐसे ट्रेड्स करने की वजह से ही नोटिस पर PFUTP नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा. इसके अलावा सेबी ने अपने दूसरे आदेश में, कंपनी के प्रमोटर्स विकास मेटल एंड पावर लिमिटेड को सिक्योरिटी मार्केट से 4 साल के लिए बैन कर दिया है.