हिंडनबर्ग रिसर्च ने कुछ साल पहले अडानी मामले में बड़ा खुलासा किया था. अब हिंडनबर्ग ने SEBI को लपेटे में लिया है. आरोप लगाया है कि SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पास अडानी ग्रुप की एक कंपनी में हिस्सेदारी है, जो इस घोटाले में शामिल हैं. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी वजह से सेबी ने अडानी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ 18 महीने में भी कार्रवाई नहीं की है. हालांकि, अब सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति ने उन पर लगे तमाम आरोपों को खारिज किया है.

क्या बोले माधबी पुरी बुच और उनके पति?

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हिंडनबर्ग के आरोपों का जवाब देते हुए माधबी पुरी बुच और धवल बुच ने एक स्टेटमेंट जारी किया है. अपने बयान में उन्होंने हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज किया है. पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा है- 'इन सभी बातों में कोई सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और हमारे फाइनेंस एक खुली किताब जैसे हैं. सभी जरूरी खुलासे पहले ही सेबी को सालों से प्रस्तुत किए जा चुके हैं. दुखद है कि सेबी की कार्रवाई की वजह से हिंडेनबर्ग ने चरित्र हनन की कोशिश की'

उन्होंने आगे कहा है कि वह किसी भी जांच अधिकारी के साथ पूरा सहयोग करने को तैयार हैं. वह बोले, "हमें किसी भी और सभी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, जिसमें उस समय के दस्तावेज भी शामिल हैं जब हम पूरी तरह से प्राइवेट सिटीजन थे." दंपति ने यह भी कहा है कि आरोपों को संबोधित करते हुए एक अधिक डिटेल्ड स्टेटमेंट सही समय पर जारी किया जाएगा. 

क्या है मामला?

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच भी अडानी ग्रुप के साथ मिली हुई हैं. यही वजह है कि अडानी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ उन्होंने 18 महीने में भी कार्रवाई नहीं की है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस खुलासे के बारे में सुबह सोशल मीडिया एक्स पर ऐलान कर दिया था. आखिरकार एक बार फिर से अडानी ग्रुप ही हिंडनबर्ग के निशाने पर है.

आखिर Hindenburg की रिपोर्ट में कहा क्या गया है?

हिन्डनबर्ग रिसर्च ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन पर अडानी मामले में इस्तेमाल किए गए ऑफ शोर फंड में हिस्सेदारी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि अडानी से जुड़ी कंपनी ने बरमूडा रजिस्टर्ड, ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटीज फंड में निवेश किया. फिर ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटीज फंड ने मॉरीशस के IPE Plus 1 में निवेश किया. IPE Plus 1 में माधबी पुरी बुच और पति धवल बुच ने निवेश किया था. 

व्हिस्लब्लोअर के जुटाए दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच, उनके पति धवल बुच के ऊपर आरोप लगाए हैं. बरमूडा और मॉरीशस के फंड्स थे, जो अदानी केस में इस्तेमाल हुए थे. बुच दंपत्ति ने IPE Plus 1 फंड में निवेश के लिए जून 2015 में  IIFL के जरिए सिंगापुर में खाता खोला था. आरोप ये भी है कि मिलीभगत की वजह से अदानी ग्रुप के ऑफशोर फंड्स के खिलाफ सेबी की कार्रवाई नहीं हुई.

जिस कंसल्टिंग फर्म में Agora Advisory Private limited में उनके पति डायरेक्टर हैं, उसकी आय पर सवाल उठाए गए हैं. 2022 में कंसल्टिंग फर्म Agora की 2.61 लाख डॉलर आमदनी हुई थी. आरोप है कि Agora Advisory Private limited में 99% हिस्सा माधबी पुरी बुच का है और बाकी 1% अन्य का है. आरोप यह भी है कि उनके पति ब्लैकस्टोन में एडवाइजर थे और उसे फायदा पहुंचाने के लिए REIT (Real Estate Investment Trust) की पॉलिसी को बढ़ावा दिया गया.