SEBI ने कार्वी इन्वेस्टर सर्विसेज पर लगाया बैन, नहीं जोड़ पाएंगे नए क्लाइंट्स, जानिए क्यों?
SEBI Bars Karvy Services: कंपनी ने रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन किया था, जिसके बाद सेबी (SEBI) ने इस कंपनी पर नए क्लाइंट्स जोड़ने को लेकर बैन लगा दिया है. हाल ही में सेबी ने कंपनी का फिजिकल निरीक्षण किया था.
SEBI Bars Karvy Services: मार्केट रेगुलेटर सेबी (सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने कार्वी इन्वेस्टर सर्विसेज लिमिटेड (KISL) पर बैन लगा दिया है. अब कार्वी सर्विसेज नए क्लाइंट्स नहीं बना सकती है. बता दें कि कंपनी ने रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन किया था, जिसके बाद सेबी (SEBI) ने इस कंपनी पर नए क्लाइंट्स जोड़ने को लेकर बैन लगा दिया है. हाल ही में सेबी ने कंपनी का फिजिकल निरीक्षण किया था. सेबी ने कंपनी के अलग अलग रेगुलेटरी रिक्वायरमेंट के साथ कंप्लायंस स्टेटस को वेरिफाई करने के लिए निरीक्षण किया था. इसी के साथ सेबी ने FY2021-22 के दौरान पब्लिक इश्यू के डेट सिक्योरिटी को भी देखा.
सेबी ने जारी किया 13 पेज का आदेश
सेबी ने अपने 13 पेज के अंतरिम आदेश में बताया कि KISL के पास ना ही कोई फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर है और ना ही कंपनी के लिए कोई कर्मचारी काम करता है. सेबी ने अपने आदेश में बताया कि बिना किसी फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और कर्मचारी के कोई भी मर्चेंट बैंक काम नहीं कर सकता है.
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KISL अब नहीं है मर्चेंट बैंक
सेबी ने अपने आदेश में बताया कि अब कार्वी इन्वेस्टर सर्विसेज लिमिटेज (KISL) सेबी के रजिस्टर्ड मर्चेंट बैंकर के तौर पर आगे सर्विस नहीं देगा. सेबी ने अपने आदेश में बताया कि आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर और मेनपावर ना होने की वजह से कोई भी कंपनी अपनी एक्टिविटी नहीं कर सकता है और ये एक तरह से रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन है, इसलिए कंपनी को सेबी ने मर्चेंट बैंक के दायरे से हटा दिया है.
निवेशकों के लिए गंभीर खतरा
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्वनी भाटिया ने अपने आदेश में कहा कि इस तरह की कंपनी का अस्तित्व, जो कि ऑपरेशन में नहीं है और रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन कर रहा है, वो सिक्योरिटी मार्केट और निवेशकों के हितों की इंटीग्रिटी के लिए गंभीर खतरा हो सकता है.
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इसके अलावा KISL ब्लॉक के लिए रिन्यूअल फीस का भी भुगतान नहीं किया. कंपनी ने दिसंबर 2022 से दिसंबर 2025 तक फीस का भुगतान नहीं किया. इसके मुताबिक, कार्वी सर्विसेज को नए क्लाइंट्स को जोड़ने की मनाही है और सेबी के अगले आदेश तक कंपनी ये काम नहीं कर पाएगी.
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