Sebi: मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति और उन्हें हटाने को लेकर नया विकल्प पेश किया है. इससे इस मामले में लचीलापन आएगा. इसके तहत इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति और उन्हें हटाने के लिये दो मानदंड अपनाये जा सकते हैं. ये हैं- साधारण बहुमत से पारित प्रस्ताव और माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स का बहुमत

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इस समय, इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति, पुनर्नियुक्ति या निष्कासन एक विशेष प्रस्ताव के माध्यम से किया जाता है. एक विशेष प्रस्ताव के पारित होने के लिये कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से समर्थन में 75% वोटों की जरूरत होती है.

LODR नियम में किया गया संशोधन

सेबी की जारी अधिसूचना के अनुसार, इसे प्रभाव में लाने के लिये लिस्टिंग ऑब्लिगेशन और डिसक्लोजर रिक्वायरमेंट्स (LODR) नियम में संशोधन किया गया है. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अगर इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति के लिये विशेष प्रस्ताव को जरूरी बहुमत नहीं मिलता है, तब दो अन्य मानदंडों- साधारण बहुमत से पारित प्रस्ताव और अल्पांश शेयरधारकों का बहुमत को अपनाया जा सकता है.

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अगर प्रस्ताव एक ही मतदान प्रक्रिया में उपरोक्त दोनों मानदंडों को पूरा कर लेता है, तो यह माना जाएगा कि इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति के प्रस्ताव को शेयरधारकों ने मंजूरी दे दी है.

सेबी ने कहा, अगर इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति के लिये विशेष प्रस्ताव को जरूरी बहुमत नहीं मिलता है, लेकिन प्रस्ताव के पक्ष में डाले गये वोट, उसके खिलाफ डाले गये मतों से अधिक है और सार्वजनिक शेयरधारकों के पक्ष में किया गया मतदान, खिलाफ में डाले गये वोट से अधिक हैं, तो यह माना जाएगा कि इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति को मंजूरी मिल गयी है.

यह मानदंड इस वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नियुक्त इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स को हटाने के मामले में भी लागू होगा.

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