NSE के पूर्व प्रमुख नारायण के खिलाफ सेबी के आदेश पर रोक, SAT का फैसला, जानें पूरा मामला
NSE: सैट ने अपने आदेश में कहा कि जमा की गई राशि को सेबी द्वारा ब्याज खाते में रखा जाएगा, जो अपील के आखिरी नतीजे के अधीन होगा. इससे पहले सेबी ने नारायण को नोटिस भेजकर 2.06 करोड़ रुपये चुकाने को कहा था.
NSE: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व प्रमुख रवि नारायण (former NSE chief ravi Narayan) के मामले में एक अपडेट है. प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व प्रमुख रवि नारायण के खिलाफ बाजार नियामक सेबी के आदेश पर रोक लगा दी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह रोक इस शर्त के तहत है कि नारायण चार सप्ताह के भीतर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के सामने 50 लाख रुपये जमा करेंगे. सैट ने यह आदेश गुरुवार को पारित किया.
सेबी ने 2.06 करोड़ रुपये चुकाने को कहा था
खबर के मुताबिक, सैट ने अपने आदेश में कहा कि जमा की गई राशि को सेबी द्वारा ब्याज खाते में रखा जाएगा, जो अपील के आखिरी नतीजे के अधीन होगा. इससे पहले सेबी ने नारायण को नोटिस भेजकर 2.06 करोड़ रुपये चुकाने को कहा था. सेबी ने कामकाज में चूक से संबंधित मामले में यह नोटिस भेजा. नोटिस में नारायण को चेतावनी दी गई कि 15 दिनों के भीतर भुगतान करने में विफल रहने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी के साथ ही संपत्ति और बैंक खातों को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी.
चित्रा रामकृष्ण पर भी लगा था जुर्माना
नारायण इससे पहले सेबी द्वारा उन पर लगाए गए जुर्माने को चुकाने में विफल रहे थे, जिसके बाद यह नोटिस जारी किया गया. सेबी ने 11 फरवरी को एनएसई में मुख्य रणनीतिक अधिकारी की नियुक्ति में हुई चूक के कारण नारायण पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. बाजार नियामक सेबी ने इसी मामले में नारायण की उत्तराधिकारी चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramakrishna) पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
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अगली सुनवाई 30 जून को
सैट (SAT) ने अपने आदेश में कहा कि विभिन्न प्रस्तावों को पारित करने के लिए अकेले नारायण को निशाना बनाया गया, जबकि बोर्ड का फैसला निदेशक मंडल का सामूहिक फैसला होता है. अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि अपीलकर्ता पर लगाया गया जुर्माना भी बहुत अधिक लगता है. मामले की अगली सुनवाई 30 जून को होगी.