Rupees Vs Dollar: जियो पॉलिटिकल क्राइसिस के बीच कच्चे तेल का भाव फिर से बढ़ने लगा है. नतीजन भारतीय रुपए पर दबाव देखा जा रहा है. गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे टूटकर दो महीने के निचले स्तर 83.61 (अस्थायी) पर बंद हुआ. इधर शेयर बाजार नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ. सेंसेक्स 77478 और निफ्टी 23567 अंकों पर बंद हुआ. बैंक ऑफ इंग्लैंड ने एकबार फिर इंटरेस्ट रेट को 5.25% पर बरकरार रखा है. 

इंट्राडे में 83.68 के स्तर तक फिसला रुपया

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गुरुवार को विनिमय बाजार में स्थानीय रुपया 83.43 पर खुला और 83.42 के दिन के उच्चतम स्तर को छू गया. सत्र के दौरान रुपया डॉलर के मुकाबले 83.68 के सर्वकालिक निचले स्तर पर भी आया. अंत में यह 17 पैसे की गिरावट के साथ 83.61 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसे की गिरावट के साथ 83.44 पर बंद हुआ. इससे पहले रुपया इस साल 16 अप्रैल को 83.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. 

डॉलर इंडेक्स मजबूती दिखा रहा है

शेयरखान बाय बीएनपी परिबा के रिसर्च ऐनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण रुपए में गिरावट आई. शाम को भारतीय समय अनुसार 5.30 बजे डॉलर इंडेक्स एक चौथाई फीसदी की तेजी के साथ 105 के पार कारोबार कर रहा है. यह दुनिया की छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर के मजबूती को बतलाता है. Brent क्रूड भी 85 डॉलर प्रति बैरल के पार कारोबार कर रहा है.

रुपए पर अभी दबाव बना रह सकता है

एक्सपर्ट्स का कहना है कि डॉलर आउटफ्लो के कारण रुपए पर दबाव आया है. लोकल इंपोर्टर की तरफ से डॉलर की डिमांड भी मजबूत हुई है. यूनियन कैबिनेट की तरफ से 14 खरीफ फसल के लिए MSP बढ़ाने, डॉलर की बढ़ती मांग, क्रूड ऑयल में तेजी जैसे फैक्टर्स डॉलर को मजबूत और रुपए को कमजोर कर रहे हैं. बॉन्ड और शेयर बाजार में FPI की तरफ से खरीदारी से रुपए को आने वाले समय में समर्थन मिलेगा. इस हफ्ते रुपए में वोलाटिलिटी बने रहने की उम्मीद है. 83.50 के ऊपर क्लोजिंग रुपए के लिए ठीक नहीं है. अगर ऐसा होता है तो यह फिसलकर 84 के पार भी पहुंच सकता है.

(भाषा इनपुट के साथ)