मार्केट में डबल पैसा लगा पाएंगे इन्वेस्टर, RBI ने लिमिट दोगुनी बढ़ाई
विदेशी निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) के लिए रिटेंशन रूट (VRR) से इन्वेस्टमेंट की सीमा को डबल कर दिया है.
विदेशी निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) के लिए रिटेंशन रूट (VRR) से इन्वेस्टमेंट की सीमा को डबल कर दिया है. अब FPI रिटेंशन रूट के जरिए 1.5 लाख करोड़ रुपये तक निवेश कर सकते हैं. पहले यह लिमिट 75 हजार करोड़ रुपये थी. रिजर्व बैंक ने VRR को मार्च 2019 में लागू किया था. इससे FPI डेट मार्केट में निवेश कर सकते हैं.
इस स्कीम में 31 दिसंबर 2019 तक डेट मार्केट में 54300 करोड़ रुपये निवेश हो चुका है. स्कीम के तहत सीमा बढ़ाई जाने के बाद अब इसमें 90630 करोड़ और निवेश किए जा सकते हैं. यही नहीं RBI ने सरकारी और कॉरपोरेट बॉन्ड में FPI के लिए निवेश सीमा बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दी है. इससे देश में FDI लाने में मदद मिलेगी.
मौजूदा नियमों में FPI का केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों (Treasury Bill) या राज्य विकास डेट में निवेश उसके कुल निवेश का 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. यह नियम कॉर्पोरेट बॉन्ड में भी लागू हैं.
जनवरी में किया 1,288 करोड़ रुपये का निवेश
अमेरिका और ईरान के कारण बढ़े तनाव और घरेलू आर्थिक चुनौतियों के बावजूद FPI ने जनवरी में अब तक घरेलू पूंजी बाजारों में शुद्ध रूप से 1,288 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस तरह जनवरी में FPI शुद्ध लिवाल बने हुए हैं.
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, FPI ने एक जनवरी से 17 जनवरी के दौरान शेयरों में 10,200 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि उन्होंने बांड या डेट बाजार से 8,912 करोड़ रुपये की निकासी की. इस तरह उन्होंने शुद्ध रूप से 1,288 करोड़ रुपये का निवेश किया.
ग्रो के सह-संस्थापक और COO हर्ष जैन ने कहा कि ज्यादातर FPI निवेश अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हुआ है. आने वाले समय में FPI निवेश बढ़ने का अनुमान है.