2019 चुनाव पर राकेश झुनझुनवाला का बड़ा दांव, कहा- 'मैं अपना पैसा इस पार्टी पर लगाऊंगा'
साल 2014 में राकेश झुनझुनवाला ने कहा था कि बीजेपी सत्ता में आएगी और नरेंद्र मोदी पीएम बनेंगे. हुआ भी कुछ ऐसा ही.
शेयर बाजार में अपनी सटीक रणनीति और भविष्यवाणी को लेकर राकेश झुनझुनवाला हमेशा चर्चा में रहे हैं. लेकिन, राजनीतिक क्षेत्र में भी उनकी भविष्यवाणी एकदम सटीक रहती है. साल 2014 में राकेश झुनझुनवाला ने कहा था कि बीजेपी सत्ता में आएगी और नरेंद्र मोदी पीएम बनेंगे. हुआ भी कुछ ऐसा ही. इस बार भी राकेश झुनझुनवाला अपना दांव बीजेपी पर लगा रहे हैं. देश के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने कहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी चुनाव जीतेगी और मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे.
चौंकाने वाले आएंगे नतीजे
राकेश झुनझुनवाला का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा की जीत होगी. उन्होंने यह भी कहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे बेहद चौंकाने वाले होंगे. उन्होंने रुपए की अस्थिरता को विकास के लिए खतरा बताया. मुंबई में बुधवार को हुई टाईकॉन सम्मिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कि डेमोग्राफिक इवोल्यूशन के मामले में भारत सबसे स्थिर स्थिति में है. उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद हर दशक में भारत ने अपने विकास के स्तर में बढ़ोतरी की है.'
किस पर लगाया दांव
उन्होंने कहा कि भाजपा की अभी तक कोई ऐसी हार नहीं हुई है जैसी 2013 में कांग्रेस की हुई थी. मैं विधानसभा चुनाव परिणामों को 2019 के आम चुनावों के लिए अंतिम मार्गदर्शक नहीं मानूंगा. मैं अब भी मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर अपना पैसा लगाऊंगा.
भारत की वृद्धि में लोकतंत्र का बड़ा योगदान
दिग्गज निवेशक ने कहा कि विकास और समृद्धि तभी आती है, जब व्यवस्था में भारी उथल-पुथल मचती है, जैसा भारत और अमेरिका में हुआ है. उन्होंने कहा, 'कौशल, लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, उद्यमशीलता, शासन और प्राकृतिक संसाधन भारत की वृद्धि के पीछे कारक हैं.' झुनझुनवाला ने यह भी कहा कि भारत की वृद्धि में लोकतंत्र का महत्वपूर्ण योगदान था, और इसे अक्सर अनदेखा किया जाता है. उन्होंने कहा लोग शासन के निहितार्थ को कम आंक रहे हैं. यह एक लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन यह धीरे-धीरे और निश्चित रूप से हो रहा है.
भारत को किससे हो सकता है नुकसान
राकेश झुनझुनवाला के मुताबिक, ग्लोबल स्तर पर दो बड़े कारकों के चलते भारत के विकास को नुकसान पहुंच सकता है. पहला रुपए की अस्थिरता और दूसरा चीन पर बढ़ता कर्ज. हालांकि, उनका मानना है कि व्यापार युद्ध और कच्चा तेल का बाजारों पर कोई ठोस प्रभाव नहीं पड़ेगा. झुनझुनवाला ने कहा, 'वैश्विक आर्थिक सुस्ती का सीधा सा मतलब है कि यह वित्तीय बाजारों को प्रभावित करेगा.'