Stock Market Investment Tips: घरेलू शेयर बाजारों में लंबे वक्त से बुल रन दिखाई दे रहा है. हालांकि, कहीं-कहीं पर हल्के झटके भी लगे हैं, ग्लोबल बाजारों का असर घरेलू बाजारों पर भी दिखा है लेकिन मार्केट गुरु MOFSL के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल का कहना है कि ग्लोबल बाजारों में गिरावट के बावजूद भारतीय बाजार स्थिर है. हमने उनसे Teacher's Day के पहले स्टॉक मार्केट के निवेश पर कुछ सबक देने को कहा. उन्होने बताया कि निवेश के वक्त किन बातों का रखें ध्यान? नए निवेशक क्या करें, क्या ना करें? 

MARKET GURU 'रामदेव अग्रवाल' के गुरुमंत्र

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MOFSL के हेड ने कहा कि भारतीय बाजारों पर ग्लोबल बाजारों की गिरावट का ज्यादा असर नहीं है. बाजार में नए निवेशकों की एंट्री से इनफ्लो लगातार बढ़ रहा है. बाजार में साल 2007 जैसी मंदी आने की आशंका कम है. FIIs की भारी-भरकम बिकवाली के बाद ही समस्या बढ़ेगी. 

लेकिन निवेशकों को ये ध्यान रखना चाहिए कि अगर उन्हें स्टॉक मार्केट में लॉन्ग टर्म के लिहाज से बिना डरे निवेश कर सकते हैं. अच्छे वैल्युएशंस वाले शेयर ही लंबी अवधि में मुनाफा देंगे. पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन से  निवेशक रिस्क कम कर सकते हैं. SIP के जरिए म्युचुअल फंड में निवेश से लंबी अवधि में मुनाफा बनेगा. बाजार में बिना डरे लंबी अवधि के लिए निवेश से फायदा होगा. शेयर खरीदने से पहले कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड जरूर चेक करें.

लाइफ हाई पर कैसे निवेश करें?

उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि आज निवेशकों के पास बहुत से इन्स्ट्रूमेंट्स हैं. म्यूचुअल फंड में हैं तो SIP कर सकते हैं. अगर 1 साल बाजार खराब रहता है तो 12 महीनों के ट्रेंच में MF में पैसा लगाइए, एवरेज आउट करिए और फिर इक्विटी में निवेश करिए. मार्केट में एंट्री करना बहुत जरूरी है. इन्वेस्टेड रहना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि बाजार में आपको समझना है कि निवेश करना है, उतार-चढ़ाव आएगा, लेकिन आपके लिए जरूरी है कि आप निवेश बनाएं रखें, लॉन्ग टर्म नजरिया लेकर चलें और गिरावट में डरें नहीं.

बाजार में बड़ा मूव कैसे पहचानें, क्या करें?

रामदेव अग्रवाल ने कहा कि बाजार का नेचर ऐसा है कि आप नहीं पहचान सकते  कि बाजार में कब करेक्शन आएगा. बाजार में एक फ्लो में तेजी में कारोबार नैचुरल नहीं है. बस एक ध्यान रखें कि खराब कंपनी नहीं खरीदें, अगर आप खुद से सही फैसला नहीं ले पा रहे, तो बढ़िया मैनेजर ढूंढिए. खाली स्टॉक्स खरीदने पर फोकस नहीं होना चाहिए, बढ़िया डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो होना चाहिए. किसको पैसा देना है, कैसे फंड मैनेजेर चुनें ये भी एक आर्ट है. आप उनका ट्रैक रिकॉर्ड देखो, उनके इंटरव्यू देखो. फिर फैसला लो.