14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ कॉन्‍वाय पर हुए आतंकवादी हमले का बाजार पर बुरा असर पड़ा है. इसके बाद सीमा पार तनाव बढ़ने के मद्देनजर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने फरवरी में डिबेंचर से अब तक 1,900 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है.

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ताजा आंकड़ों के अनुसार इस महीने में 22 फरवरी तक एफपीआई ने शेयरों में 2,039 करोड़ रुपये की लिवाली की जबकि ऋणपत्रों में वे बिकवाल रहे. जनवरी महीने में ऋणपत्रों और शेयरों दोनों में एफपीआई ने 5,360 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी.

आंकड़ों के अनुसार 1 से 22 फरवरी के बीच एफपीआई ने ऋणपत्रों से कुल 1,949 करोड़ रुपये निकाले. हालांकि, उन्होंने शेयर बाजार में ज्यादा निवेश किया. इस तरह वे ऋणपत्रों तथा शेयरों में महज 98 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे.

मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई की हालिया बिकवाली का कारण पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने को माना जा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘‘एफपीआई लंबे समय से भारत को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं. ऐसे में हालिया घटनाओं से उनकी धारणा और प्रभावित हुई होगी.’’ श्रीवास्तव ने कहा कि अभी एफपीआई निवेश की दिशा का अनुमान लगाना जल्दीबाजी है क्योंकि वे अल्पकालिक गतिविधियों तथा घटना विशेष से प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीमापार तनाव के अलावा आगामी आम चुनाव के परिणामों के अनुमान को लेकर भी एफपीआई सतर्कता बरत रहे हैं.