बाहरी और घरेलू कारकों के चलते नये साल की शुरुआत में शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव रहने के आसार हैं. लोकसभा चुनाव, चुनाव पूर्व आम बजट, व्यापार मोर्चे पर युद्ध की आशंका और कच्चे तेल की कीमतें बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सूचकांक 2018 की तरह ही 2019 में भी 5 प्रतिशत के घट-बढ़ के साथ बंद हो सकता है.

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एस्सेल म्यूचुअल फंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विरल बेरवाल ने कहा, "2019 के पहले कुछ महीनों में बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है क्योंकि इस दौरान यह चीजें होनी है. इन मामलों के निपट जाने के बाद बाजार स्थिर हो सकता है." 

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के मुताबिक, फिलहाल बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है, जिसके निकट अवधि में बने रहने की आशंका है. यह 2019 के शुरुआती हिस्से के प्रदर्शन को प्रभावित करेगा. नायर ने कहा कि हमारा लक्ष्य दिसंबर 2019 तक निफ्टी के 11,500 अंक के स्तर पर रहने का लक्ष्य रखा है. 

इंडियाबुल्स वेंचर्स, मार्केट्स के शोध प्रमुख (इक्विटी) मानव चोपड़ा ने कहा कि बजट और आगामी लोकसभा चुनाव के चलते 2019 में बाजार में अस्थिरता देखने को मिल सकती है. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि भारतीय बाजार में तेजी बनी रहेगी और साल के अंत निफ्टी 11,600-11,850 अंक के स्तर और सेंसेक्स 39,300-39,650 अंक के स्तर तक जा सकता है." 

(भाषा)