कोरोना के कहर से तेल का बाजार (Oil Market) पस्त है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में बुधवार को कच्चे तेल (Crude Oil) का भाव 18 साल के निचले स्तर पर आ गया जबकि भारतीय वायदा बाजार में कच्चे तेल का भाव 1,672 रुपये प्रति बैरल यानी 10.51 रुपये प्रति लीटर तक टूटा. 

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इस बीच देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI की रिसर्च टीम पब्लिकेशन Ecowrap की रिपोर्ट में दावा है कि क्रूड के दाम ग्‍लोबल मार्केट में 30 प्रतिशत तक गिर गए हैं. इससे भारत में पेट्रोल के दाम 12 रुपए तक नीचे आ सकते हैं जबकि डीजल की कीमतों में 10 रुपए प्रति लीटर की कमी संभव है. 

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर कच्चे तेल के मार्च अनुबंध में पिछले सत्र से 400 रुपये यानी 190.9 फीसदी की गिरावट के साथ 1,695 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 1,672 रुपये प्रति बैरल तक गिरा. एक बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल होता है. इस प्रकार एक लीटर कच्चे तेल का दाम में देश में 10.51 रुपये होगा.

इंटरकांटिनेंल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के मई अनुबंध में पिछले सत्र से 3.21 डॉलर यानी 11.17 फीसदी की गिरावट के साथ 25.52 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था जबकि इससे पहले ब्रेंट का भाव 25.33 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा जो 2003 के बाद का सबसे निचला स्तर है.

वहीं, न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) का भाव 4.47 डॉलर यानी 16.36 फीसदी की गिरावट के साथ 22.86 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था जबकि इससे पर डब्ल्यूटीआई का भाव 22.59 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा.

बाजार के जानकारों ने बताया कि कोरोनावायरस के प्रकोप से कच्चे तेल की मांग घटने और तेल बाजार की हिस्सेदारी को लेकर छिड़ी कीमत जंग के कारण कच्चे तेल के दाम में गिरावट आई है.