तेल उत्पादको के मंच ओपेक (Opec) के सदस्य देशों और रूस जैसे उनके अन्य मित्र उत्पादक देशों के बीच कच्चे तेल (Crude Oil) के रोजाना उत्पादन में 5 लाख बैरल की अतिरिक्त कमी करने की सहमति बनी है. यह समझौता पहली जनवरी से लागू होगा. ऐसा होने से कच्‍चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है.

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आपको बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है. ऐसे में अगर क्रूड के दाम बढ़े तो देश में पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमतों पर असर पड़ेगा.

यह कटौती उत्पादन का स्तर कम रखने के लिए उनके बीच इस समय चल रही सहमति के अतिरिक्त है. वियना (Vienna) में ओपेक के मुख्यालय पर इन देशों के मंत्री लंबी माथापच्ची के बाद नए करार पर पहुंचे. 

उत्पादक देशों का मानना है कि इस समय वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति (Supply) जरूरत से अधिक है, इससे कीमतें नीचे आने का जोखिम है. 

बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि मंत्रियों ने रोजाना उत्पादन में 5 लाख बैरल की और कमी करने का फैसला किया है. यह निर्णय एक जनवरी 2020 से लागू होगा. 

इससे पहले इन देशों में गत दिसंबर में उत्पादन को अक्टूबर 2018 के स्तर से 12 लाख बैरल कम करने का समझौता हुआ था. जुलाई में इस समझौते को और आगे के लिए प्रभावी कर दिया गया. कटौती मार्च 2020 तक बनाए रखने का निर्णय हुआ था.