भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने विदेश में रहने वाले ग्राहकों को निवेश सलाह देने वालों को राहत दी है. सेबी के मुताबिक, उन्हें निवेश सलाहकारों (IA) को नियंत्रित करने वाले नियमों के अंतर्गत रजिस्‍ट्रेशन से छूट दी गई है. सेबी ने मंगलवार को कहा कि हालांकि, यदि कोई अप्रवासी भारतीयों (NRIs) और भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIOs) को निवेश सलाह देता है, तो वह IA नियमों के दायरे में आएगा और उसे रजिस्‍ट्रेशन की जरूरत होगी. 

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बाजार नियामक सेबी ने निवेश सलाहकारों पर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब में यह बात कही. इसे सेबी की वेबसाइट पर मंगलवार को डाला गया है. इसके अलावा सेबी ने कहा कि रजिस्‍टर्ड निवेश सलाहकार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) को निवेश सलाहकार सेवाएं दे सकते हैं. निवेश सलाहकार शेयर, डिबेंचर, बॉन्ड, डेरिवेटिव्‍स, सिक्‍युरिटाइज्‍ड इन्‍स्‍ट्रूमेंट्स, एआईएफ (अल्‍टरनेटिव इन्‍वेस्‍टमेंट फंड), REIT (रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट) और InvIT (बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट) आदि में निवेश की सलाह देते हैं.

डिस्‍ट्रीब्‍यूशन ऑफ डेरिवेटिव्‍स में कारोबार करते समय कोई व्यक्ति "स्वतंत्र वित्तीय सलाहकार या IFA  या वेल्‍थ एडवाइजर या इस तरह के किसी अन्य नाम" का इस्‍तेमाल नहीं कर सकता, जब तक कि वह सेबी के साथ आईए IA के रूप में रजिस्‍टर्ड न हो. साथ ही नियामक ने कहा कि IPOs पर कॉरपोरेट एडवाइजर सर्विसेज, मर्जर एंड एक्‍वीजिशंस, बायबैक, टेकओवर, डीलिस्टिंग, मर्चेंट बैंकिंग, लोन सिंडिकेट वगैरह पर कॉरपोरेट एडवाइजर सर्विसेज IA  नियमों के दायरे में नहीं आती हैं.