Paper Industry: पेपर कंपनियों के लिए बड़ी खबर है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) ने एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष में पेपर मैन्युफैक्चरर्स का राजस्व 2-3% तक कम हो सकता है जिसकी मुख्य वजह कमजोर प्राप्तियां हैं. क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2023-24 में 6-7% की मूल्य आधारित गिरावट आने के बाद चालू वित्त वर्ष में भी राजस्व में 2-3% की सालाना गिरावट आने का अनुमान जताया है.

कारोबार में 2-4% की आ सकती कमी

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राइटिंग एंड प्रिंटिंग (W&P) कागज के विनिर्माताओं का परिचालन मार्जिन चालू वित्त वर्ष में 4-5% घटकर 15-16% रह जाएगा. डिजिटल कम्युनिकेशंस की ओर लगातार बदलाव के कारण चालू वित्त वर्ष में मात्रा के लिहाज से कारोबार में 2-4% की कमी आ सकती है. हालांकि, शिक्षा क्षेत्र में खर्च पर सरकार के ध्यान और ऑफिस वर्क्स में बढ़ोतरी से इस कमी की कुछ हद तक भरपाई हो सकती है.

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लकड़ी की कीमतों में 18-20% की बढ़ोतरी का अनुमान

रिपोर्ट के मुताबिक, लकड़ी पर आधारित दूसरे उद्योगों की बढ़ती मांग और महामारी के दौरान कम वृक्षारोपण की वजह से घरेलू लकड़ी की लागत में बढ़ोतरी जारी रहेगी. अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति व्यवधानों के कारण आयातित लकड़ी की कीमतों में 18-20% की बढ़ोतरी होने का भी अनुमान है.

पेपर स्टॉक्स पर रखें नजर

क्रिसिल की रिपोर्ट का असर पेपर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के स्टॉक पर देखने को मिल सकता है. वेस्ट कोस्ट पेपर मिल्स, जेके पेपर, इमामी पेपर मिल्स, Pudumjee Paper, आंध्र पेपर, श्रेयासी पेपर, ओरिएंट पेपर, Genus Paper, रुचिरा पेपर समेत अन्य स्टॉक्स पर इस खबर का असर होगा.

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