सरकार घरेलू स्‍तर पर तेल उत्‍पादन बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. इससे न सिर्फ तेल कीमतों में और कमी आएगी बल्कि सरकार को अच्‍छी आमदनी भी होगी. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी और ओआईएल के 149 तेल व गैस गोदामों को निजी और विदेशी कंपनियों को बेचने के लिए छह सदस्यीय समिति गठित की गई है. इसका उद्देश्य घरेलू स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देना है. इस समिति के अध्यक्ष नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार हैं. उनके अलावा कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा, आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र कुमार, पेट्रोलियम सचिव एम एम कुट्टी, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और ओएनजीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शशि शंकर इसमें शामिल हैं.

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सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अक्टूबर को पेट्रोलियम और गैस के घरेलू उत्पादन की स्थिति की समीक्षा करने और 2022 तक तेल आयात पर निर्भरता 10 प्रतिशत तक कम करने के लिए रूपरेखा पर विचार विमर्श के लिये बैठक बुलाई थी. बैठक के बाद समिति गठित की गयी है. 

बैठक में पेट्रोलियम मंत्रालय ने अपने प्रस्तुतीकरण में कहा कि ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) और अन्य के करीब 149 छोटे तेल एवं गैस क्षेत्रों की घरेलू कच्चे तेल उत्पादन में हिस्सेदारी महज पांच प्रतिशत है. बैठक में सुझाव दिया गया है कि इन छोटे क्षेत्रों को निजी और विदेशी कंपनियों को दे देना चाहिये और ओएनजीसी को बड़े क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिये. 

सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय का मानना है कि ओएनजीसी को बड़े तेल एवं गैस क्षेत्रों की ओर ध्यान देना चाहिये क्योंकि इनकी घरेलू उत्पादन में 95 प्रतिशत हिस्सेदारी है और छोटे क्षेत्रों को निजी कंपनियों के लिये छोड़ देना चाहिये. उन्होंने कहा कि छह सदस्यीय समिति ने संभावित विकल्पों पर हितधारकों के साथ सलाह-मशवरा शुरू कर दिया है. पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा ओएनजीसी के क्षेत्रों को निजी और विदेशी कंपनियों को देने का यह दूसरा प्रयास है. 

पिछले साल अक्तूबर में हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने राष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनियों के 15 ऐसे क्षेत्रों की पहचान की थी जिन्हें निजी कंपनियों को दिया जा सकता है.

एजेंसी इनपुट के साथ