कोरोना वायरस संकट (Coronavirus Mahamari) से दुनियाभर की इकोनॉमी डोल गई है. तेल कंपनियों की हालत सबसे ज्‍यादा खराब है. क्रूड ऑयल (Crude Oil) प्रोडक्‍शन में लगी कंपनियों को अपना तेल बेचने के लिए Reward देना पड़ रहा है. यही नहीं कच्‍चे तेल की कीमतें भी 0 डॉलर से नीचे चल गई हैं. यानि तेल एक तरह से Free में मिल रहा है और खरीदने पर Reward भी.

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बता दें कि Corona virus संकट के मद्देनजर मांग घटने से कच्चे तेल की कीमत सोमवार को शून्य डॉलर/बैरल से भी नीचे चली गई. क्योंकि कोई व्यापारी फिलहाल कच्चा तेल खरीदकर उसे अपने पास रखने की स्थिति में नहीं है. बाद के कारोबार में Wall Street में शेयर भी लुढ़क गए. S&P 500 में 0.9 प्रतिशत की गिरावट आई. 

सबसे ज्यादा ड्रामा कच्चा तेल के बाजार में हुआ. जहां मई डिलीवरी के अमेरिकी कच्चा तेल की कीमत शून्य से नीचे 3.70 डॉलर/बैरल पहुंच गई. दरअसल, मई डिलीवरी के सौदे के लिये मंगलवार अंतिम दिन है और व्यापारियों को भुगतान करके डिलीवरी लेनी थी. लेकिन मांग नहीं और कच्चा तेल को रखने की समस्या के कारण कोई डिलीवरी लेना नहीं चाह रहा है.

यहां तक कि जिनके पास कच्चा तेल है, वे पेशकश कर रहे हैं कि ग्राहक उनसे कच्चा तेल खरीदे. साथ ही वे उसे प्रति बैरल 3.70 डॉलर की राशि भी देंगे. (इसी को कच्चे तेल की कीमत शून्य डॉलर/बैरल) से नीचे जाना कहते हैं.) 

मई डिलीवरी के लिए US बेंचमार्क वेस्ट टेक्सास इंटरमिडिएट की कीमत सोमवार को पहली बार शून्य से नीचे गिरी. खबर के मुताबिक, मंगलवार को मई डिलीवरी के लिए कारोबार की अंतिम तारीख है. ऐसे में सोमवार को बाजार में कच्चा तेल की कीमत शून्य से नीचे 37.63 डॉलर/बैरल पहुंच गई. मई डिलीवरी कच्चा तेल के दाम में गिरावट के लिए तकनीकी कारण बताया जा रहा है, जैसे-- मई डिलीवरी की तारीख नजदीक है इसलिए उसमें लेन-देन कम हो रही है. 

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कोरोना वायरस संकट के कारण कच्चे तेल की मांग में कमी आई है और तेल की सभी भंडारण सुविधाएं भी पूरी क्षमता पर पहुंच चुकी हैं. एस-एंड-पी ग्लोबल प्लैट्स के मुख्य विश्लेषक क्रिस एम. के अनुसार, 3 हफ्ते मेंकच्चे तेल के सभी टैंक भर जाएंगे. 

अमेरिकी कच्चा तेल की जून डिलीवरी में भी 14.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है, फिलहाल इसकी कीमत 21.32 डॉलर प्रति बैरल है. ब्रेंट कच्चा तेल की कीमत 1.78 डॉलर घट कर 26.30 डॉलर/बैरल पहुंच गई है.