नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) घोटाला सामने आने के बाद इस एक्सचेंज को बंद हुए 6 साल हो चुके हैं. इस एक्सचेंज में 13,000 से अधिक निवेशकों का 5600 करोड़ रुपया फंसा हुआ है. आज भी निवेशकों को न्याय का इंतजार है. 

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जिन लोगों ने इस एक्सचेंज को खड़ा करके लोगों से रुपये जुटाए थे, उन लोगों ने अपने निवेशकों को भुगतान नहीं किया और डिफॉल्ड के हालात पैदा हो गए. जांच में ऐसी बातें उजागर हुईं कि जिन कमोडिटिज के बदले लोन लिया गया था, वे कमोडिटिज वास्तव में नहीं थीं. 

इस मामले में सीबीआई, ईडी समेत देश की तमाम जांच एजेंसियों ने जांच की और अभी भी जांच जारी है. कुछ ब्रोकर्स की गिरफ्तारी भी हुई थी. इतना सब कुछ होने के बाद भी 5600 करोड़ रुपये का जो भुगतान निवेशकों को होना चाहिए था, उसमें से महज 400 करो़ड़ के आसपास ही भुगतान हो पाया है.

 

क्या था खेल

नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के जरीए इन्वेस्टर्स वेयरहाउस में रखी गई कस्टर सीड, ऊन, चीनी जैसी कमोडिटी पर 25-36 दिन के लिए लोन देते थे. इस प्लेटफॉर्म पर इन्वेस्टर्स और बॉरोअर्स के ऑर्डर मैच किए जाते थे. इसमें 15-16 फीसदी तक का रिटर्न मिलता था.

स्टॉक में कोई कमोडिटी नहीं थी. वेयरहाउस की रसीद फर्जी थी और गोदाम खाली थे. बॉरोअर्स ने एक्सचेंज के जरिए जुटाया पैसा प्रॉपर्टी में लगा दिया था.