NSE Case: एनएसई धोखाधड़ी मामले सीबीआई की अदालत ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व सीईओ-एमडी चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramakrishna) की अग्रिम जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी. रामकृष्ण के वकील ने उनकी गिरफ्तारी से राहत की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया.

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रामकृष्ण की याचिका का अभियोजन पक्ष ने विरोध किया था. बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी.

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रामकृष्ण पर गोपनीय जानकारी लीक करने का आरोप

CBI ने 24 फरवरी को NSE के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramanian) को गिरफ्तार किया. बाद में उन्हें छह मार्च तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया. एनएसई धोखाधड़ी की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) रहस्यमय हिमालयी योगी तक पहुंचने के लिए नए सुराग खोजने का प्रयास कर रही है, जिसके साथ रामकृष्ण ने गोपनीय सूचनाएं साझा की थीं.

सुब्रमण्यम ही हो सकते हैं योगी

अर्न्स्ट एंड यंग (ई एंड वाई) की फोरेंसिक रिपोर्ट में पता चला कि सुब्रमण्यम रहस्यमय योगी हो सकते हैं. हालांकि, SEBI ने 11 फरवरी को इसका खंडन किया था. CBI सुब्रमण्यम से पूछताछ में जुटाए गए सबूतों की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है.

CBI मई 2018 से मामले की जांच कर रहा है, लेकिन रहस्यमय हिमालयी योगी की पहचान करने के लिए कोई ठोस सबूत खोजने में विफल रहा है.

चित्रा पर लगा 3 करोड़ रुपये का जुर्माना

हाल ही में, मार्केट रेगुलेटर SEBI ने रामकृष्ण को योगी के साथ NSE के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने पर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. 1 अप्रैल 2013 को रामकृष्ण NSE की CEO और MD बनी थीं. उन्होंने 2013 में सुब्रमण्यम को अपने सलाहकार के रूप में NSE में ले आईं.