अदानी शेयरों पर जयराम रमेश के आरोप पर NSE की सफाई, कहा- शेयरों की निगरानी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और ऑटोमेटिक
Adani Group: अदानी शेयरों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के आरोपों पर NSE की सफाई सामने आई है. NSE ने इस पूरे मामले में कहा है कि शेयरों की निगरानी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होती है.
Adani Group: अदानी शेयरों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के आरोपों पर NSE की सफाई सामने आई है. NSE ने इस पूरे मामले में कहा है कि शेयरों की निगरानी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होती है. इसमें किसी तरह का कोई मानवीय दखल नहीं होता है. NSE ने कहा कि शेयरों की निगरानी के लिए पहले से ही कई पैमाने तय हैं, जिनके आधार पर ही इसकी निगरानी होती है.
पूरी प्रक्रिया होती है ऑटोमेटिक NSE ने कहा कि इंडेक्स में शेयरों का चुनाव पहले से तय पारदर्शी, प्रक्रिया, नियमों के तहत होता आया है. ASM (Additional Surveillance Measure) लगाना या हटाना या प्राइस बैंड सब कुछ पहले से तय नियमों के तहत ही होता है. इसके साथ ही निगरानी की प्रक्रिया सभी एक्सचेंज के लिए एक जैसी होती है. NSE ने कांग्रेस नेता के आरोपों पर कहा कि ये पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटिक होती है और इसमें किसी भी तरह का कोई मानवीय दखल नहीं होता है. अदानी ग्रुप के शेयरों को निफ्टी में बनाए रखने पर उठे सवाल बताते चलें कि जयराम रमेश ने अदानी ग्रुप के शेयरों को निफ्टी इंडेक्स में बनाए रखने पर सवाल उठाए थे. जयराम रमेश ने ASM से अदानी ग्रुप के कई शेयरों को हटाने पर भी सवाल उठाया था. जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि संसद में गतिरोध को खत्म करने के लिए कोई बीच का रास्ता नहीं है क्योंकि अदानी ग्रुप से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की विपक्ष की मांग पर कोई समझौता नहीं हो सकता और राहुल गांधी के माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता. जयराम रमेश ने सरकार पर लगाया ध्यान भटकाने का आरोप जयराम रमेश ने कहा था कि सरकार विपक्ष के 16 दलों के जेपीसी की मांग करने से बौखला गई है. इसलिए वो ‘3डी अभियान: डिस्टॉर्ट (विकृत करना), डिफेम (बदनाम करना) और डाइवर्ट (ध्यान भटकाना)’ में लगी है. रमेश ने आरोप लगाया कि विपक्ष की जेपीसी के गठन की मांग से ध्यान भटकाने के लिए भारतीय जनता पार्टी, राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही है, जबकि राहुल गांधी ने ऐसा कुछ नहीं कहा है, जैसा कि सत्ता पक्ष बता रहा है.