Nifty बना 'कमाई वाला घोड़ा', ब्रोकरेज ने दिया 25,200 का टारगेट, बताया कब आएगा 50,000 का लेवल
Nifty at 24,000: निफ्टी ने आज फिर से इतिहास रचा है और पहली बार 24,000 के पार निकला है. और ये ऐतिहासिक ऊंचाई बस इसलिए ही खास नहीं है. निफ्टी ने 1,000 अंकों की ये दूरी काफी कम समय में पूरी की है, यानी कि 23,000 से 24,000 पहुंचने में उसे बहुत कम समय लगा.
Nifty at 24,000: घरेलू शेयर बाजार में रिकॉर्ड हाई वाली तेजी जारी है. गुरुवार (27 जून) को बाजार में एक बार फिर से नई ऊंचाई पर कारोबार पहुंचा है. निफ्टी ने आज फिर से इतिहास रचा है और पहली बार 24,000 के पार निकला है. और ये ऐतिहासिक ऊंचाई बस इसलिए ही खास नहीं है. निफ्टी ने 1,000 अंकों की ये दूरी काफी कम समय में पूरी की है, यानी कि 23,000 से 24,000 पहुंचने में उसे बहुत कम समय लगा.
निफ्टी की 24,000 तक खास रैली
महज 34 दिनों में निफ़्टी 23,000 से 24,000 पंहुचा
23000 से 24000 पहुंचने में निफ़्टी को लगे 23 ट्रेडिंग सेशन
निफ़्टी ने 23,000 का स्तर पहली बार 24 मई 2024 को छुआ था
चुनाव के नतीजों के बाद से निफ़्टी लगभग 9.7% बढ़ा
1000 अंकों की दौड़
Movement No of Days
19000 to 20000 22
16000 to17000 28
23000 to 24000 34
6000 to 7000 35
14000 to 15000 36
Nifty पर क्या है अगला टारगेट (Nifty Next Target)
निफ्टी का 1000 से 24000 का सफर बहुत खास रहा है. इसे 1,000 से 24,000 के लेवल पर पहुंचने में 10,293 दिन यानी 28 साल, 2 महीने, 5 दिन लगे. 22 अप्रैल, 1996 को निफ़्टी 50 इंडेक्स लॉन्च हुआ था. ICICI Direct ने अपनी टेक्निकल रिपोर्ट में कहा है कि निफ्टी साल के अंत तक 25,200 पर पहुंच सकता है और 2030 तक निफ़्टी 50000 हो जाएगा. 22,200 निफ़्टी का मजबूत सपोर्ट लेवल रहेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 1999 से लेकर अबतक इलेक्शन लो से औसत 20% की रैली दिखी है. पिछले 9 इलेक्शन वाले सालों में US के बाजार में औसत 9% की तेजी आती है. 2008 को छोड़कर US के इलेक्शन साल में निफ़्टी ने 20% तेजी के साथ आउटपरफॉर्म किया है. पिछले 2 दशकों में चुनावी साल के दूसरे भाग में साल के अंत तक औसत 21% की तेजी दर्ज हुई है.
दशक के चौथे साल में हर बार पॉजिटिव रिटर्न
औसत रिटर्न
दूसरा साल 15%
तीसरा साल 18%
चौथा साल 15%
नौवा साल 40%
ब्रोकरेज ने कहा कि बैंक निफ़्टी/निफ़्टी रेश्यो में बॉटम बना है. निफ़्टी बैंक आउटपरफॉर्म करेगा. लगभग सभी दिग्गज ग्लोबल बाजारों के चार्ट मजबूत दिखाई दे रहे हैं. घरेलू फ्लो मजबूत है. अच्छी बात है कि गिरावट में रिटेल निवेशक नहीं घबरा रहे. डॉलर इंडेक्स में भी टॉप बनने के संकेत हैं.