नेशनल कमॉडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने के लिये बाजार नियामक SEBI के समक्ष पेशकश का दस्तावेज जमा किया है. दस्तावेज के मुताबिक, IPO में 100 करोड़ रुपये तक के नये इश्यू और शेयरधारकों के 1,44,53,774 शेयरों की बिक्री की पेशकश शामिल होगी. मर्चेंट बैंकिंग के सूत्रों ने बताया कि इस आईपीओ से 500 करोड़ रुपये की पूंजी जुटने का अनुमान है.

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बीते 6 महीने में एक्‍सचेंज को 7 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट हुआ है. उसकी आय 93 करोड़ रुपए हो गई है. बीते कारोबारी साल में नेट प्रॉफिट 16 करोड़ रुपए था.

जो शेयरधारक शेयरों की बिक्री की पेशकश करेंगे उनमें बिल्ड इंडिया कैपिटल एडवाइजर्स एलएलपी, केनरा बैंक, इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड, इंवेस्टकॉर्प प्राइवेट इक्विटी फंड-1, जेपी कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड, नेशनल बैंक फोर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट, ओमान इंडिया ज्वायंट इंवेस्टमेंट फंड और पंजाब नेशनल बैंक शामिल हैं.

ICICI सिक्योरिटीज और SBI कैपिटल मार्केट्स इस IPO के प्रबंधक होंगे. NCDEX के शेयर बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध होने का अनुमान है.

आपको बता दें कि देश में 6 बड़े कमोडिटी एक्सचेंज काम कर रहे हैं. इनमें NCDEX, MCX, ICEX, BSE, NSE प्रमुख हैं. BSE और NSE में चुनिंदा कमोडिटी में ट्रेडिंग की सुविधा है. MCX पर ज्यादातर नॉन-एग्री कमोडिटी में कारोबार होता है ,जबकि NCDEX में सबसे ज्यादा एग्री कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है.

इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ITI ने अपना IPO लॉन्‍च किया था लेकिन उसे उतना अच्‍छा रिस्‍पांस नहीं मिला. फिर कंपनी ने उसे वापस लेने की घोषणा की. कंपनी ने मौजूदा बाजार परिस्थितियों का हवाला देते हुए FPO वापस लेने का फैसला किया था.

ITI ने निवेशकों की ठंडी प्रतिक्रिया के बाद दो बार एफपीओ की समयसीमा को बढ़ाया था. मूल्य दायरे के ऊपरी स्तर पर कंपनी को FPO से 1,400 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार कंपनी के FPO को 62 प्रतिशत अभिदान मिला था.

आईटीआई ने बयान में कहा, ‘‘कंपनी की एफपीओ समिति द्वारा 5 फरवरी, 2020 को पारित प्रस्ताव के अनुसार कंपनी ने मौजूदा बाजार परिस्थितियों को देखते हुए एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया है. निर्गम के बुक रनिंग लीड प्रबंधकों बीओबी कैपिटल मार्केट्स, कार्वी इन्वेस्टर सर्विसेज और पीएनबी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज से विचार विमर्श के बाद यह फैसला किया गया.’’

इससे पहले कंपनी ने 31 जनवरी को एफपीओ की अवधि को बढ़ाकर 5 फरवरी किया था. वहीं, 28 जनवरी को निर्गम की अवधि को बढ़ाकर 31 जनवरी किया गया था. इसके अलावा कंपनी ने मूल्य दायरा भी 72-77 से घटाकर 71-77 प्रति शेयर कर दिया था. कंपनी का एफपीओ 24 जनवरी को खुला था. शुरुआत में इसे 28 जनवरी को बंद होना था.