ये है दुनिया का सबसे महंगा मेटल, सिर्फ 1 ग्राम की कीमत 434 लाख करोड़ रुपए
वैज्ञानिकों का कहना है कि एंटीमैटर दरअसल एक पदार्थ के ही समान है, लेकिन उसके एटम के भीतर की हर चीज उलटी है.
दुनिया में सबसे महंगी कमोडिटी की बात करें तो सबसे पहले सोना, चांदी और हीरे का ही नाम दिमाग में आता है, लेकिन ऐसा नहीं है. विश्व में कुछ ऐसी भी कमोडिटीज हैं, जो बहुत महंगी है. शायद कुछ लोगों ने ऐसे मेटल्स का नाम भी न सुना हो. हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही दुनिया की सबसे महंगी कमोडिटीज के बारे में. दुनिया की सबसे महंगी कमोडिटी एंटीमैटर है. एंटीमैटर के एक ग्राम की कीमत 6.25 लाख करोड़ डॉलर है, यानी भारतीय रुपए में इसकी वैल्यू 433.93 लाख करोड़ रुपए है.
क्या है ‘एंटीमैटर’
वैज्ञानिकों का कहना है कि एंटीमैटर दरअसल एक पदार्थ के ही समान है, लेकिन उसके एटम के भीतर की हर चीज उलटी है. एटम में सामान्य तौर पर पॉजिटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और नेगेटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं, लेकिन एंटीमैटर एटम में नेगेटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और पॉजिटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं. ये एक तरह का ईधन है, जिसे अंतरिक्षयान और विमानों में किया जाता है.
एंटीमैटर की ताकत
वैज्ञानिकों का मानना है कि सैद्धांतिक तौर पर करीब आधा किलो एंटीमैटर में दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रोजन बम से भी ज्यादा विध्वंसक ताकत होती है. लेकिन, इससे उपयोगी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए काफी बड़ी राशि की जरूरत होती है. नासा के प्रवक्ता के अनुसार, इस वक्त 1 मिलीग्राम एंटीमैटर बनाने में 250 लाख रुपए का खर्च बैठेगा. अनुसंधान आदि कार्यो के लिए एक मिलीग्राम काफी ज्यादा है, लेकिन बड़े उपयोग के लिए इतनी मात्रा की जरूरत पड़ेगी. व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल के लिए एंटीमैटर की कीमत को काफी नीचे लाना पड़ेगा.
कहां से आता है एंटीमैटर
एंटीमैटर एक काल्पनिक तत्व नहीं, बल्कि असली तत्व होता है. इसकी खोज बीसवीं शताब्दी में हुई थी. ये अंतरिक्ष में ही छोटे-छोटे टुकड़ों में मौजूद है. जिस तरह सभी भौतिक वस्तुएं मैटर यानी पदार्थ से बनती हैं और मैटर में प्रोटोन, इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन होते हैं, उसी तरह एंटीमैटर में एंटीप्रोटोन, पोसिट्रॉन्स और एंटीन्यूट्रॉन होते हैं. एंटीमैटर को बनाने के लिए लैब में वैज्ञानिक इसे दूसरे पदार्थों के साथ मिलाकर थोड़ा रिफाइन करते हैं. ताकि इसका इस्तेमाल ईधन के रूप में हो सके. अंतरिक्षयान और परमाणु हथियारों के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है. रॉकेट लॉन्चर में भी है इसकी उपयोगिता है.
क्या है खासियत
1 ग्राम एंटीमैटर को बेचकर विश्व के 100 छोटे देशों को खरीदे जा सकते हैं. 1 ग्राम एंटीमैटर की कीमत 393.75 लाख करोड़ रुपए है. नासा के मुताबिक, एंटीमैटर धरती का सबसे महंगा मटीरियल है. एंटीमैटर जहां बनता है, वहां दुनिया की सबसे बेहतरीन सुरक्षा व्यवस्था मौजूद है. इतना ही नहीं, नासा जैसे संस्थानों में भी इसे रखने के लिए एक पुख्ता सुरक्षा घेरा है. कुछ खास लोगों के अलावा, एंटीमैटर तक कोई भी नहीं पहुंच सकता है. दिलचस्प है कि एंटीमैटर का इस्तेमाल अंतरिक्ष में जाने वाले विमानों के ईधन में किया जाता है.
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क्यों महंगा है एंटीमैटर
एंटीमैटर को इसलिए सबसे महंगा माना जाता है, क्योंकि इसे बनाने वाली टेक्नोलॉजी सबसे ज्यादा खर्चीली है. 1 मिलीग्राम एंटीमैटर बनाने में 250 लाख रुपए तक लग जाते हैं. इसका इस्तेमाल अस्पतालों और रेडियोधर्मी अणुओं को पॉजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी के रूप में मेडिकल इमेजिंग में भी होता है. इसका इस्तेमाल परमाणु हथियारों में भी किया जाता है.