Stock Market: शेयर बाजार के निवेशकों की संपत्ति 2024 में 77.66 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ी. इस दौरान बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 8% से अधिक चढ़ा. विश्लेषकों ने कहा कि इस वर्ष में उतार-चढ़ाव के साथ तेजड़ियों और मंदड़ियों के बीच रस्साकशी देखी गई. दुनिया भर में अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय बाजारों ने बेहतरीन मुनाफा दिया.

निफ्टी ने लगातार 9वें साल दिया पॉजिटिव रिटर्न

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मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा, वर्ष 2024 बाजारों के लिए चुनौतीपूर्ण लेकिन फायदेमंद रहा. जनवरी से सितंबर तक निफ्टी लगातार चढ़ता रहा और 26,277.35 के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया. इसके बाद कुछ गिरावट के बाद भी साल का अंत प्रभावशाली बढ़ोतरी के साथ हुआ. एफआईआई (FII) की बिकवाली के बावजूद निफ्टी ने लगातार 9वें साल पॉजिटिव रिटर्न दिया.

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77.66 लाख करोड़ बढ़ा मार्केट कैप

 इस साल 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 5,898.75 अंक यानी 8.16 फीसदी उछला. सेंसेक्स 27 सितंबर को 85,978.25 के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया. बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप (MCap) 2024 में 77,66,260.19 करोड़ रुपये बढ़कर 4,41,95,106.44 करोड़ रुपये हो गया. इस साल 8 अप्रैल को पहली बार बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 400 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया था. 

लोकसभा चुनाव का असर

पीएल कैपिटल - प्रभुदास लीलाधर के निदेशक (शोध, संस्थागत इक्विटी) अमनीश अग्रवाल ने कहा, साल की शुरुआत में मुद्रास्फीति में कमी, ब्याज दरों में कटौती और भाजपा (BJP) के फिर से जीत कर आने की उम्मीद में एक मजबूत तेजी देखी गई. ऐसे में इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए. चुनाव परिणाम हालांकि भाजपा के पक्ष में थे, लेकिन पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. ऐसे में बाजार में एक संक्षिप्त गिरावट देखने को मिली.

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उन्होंने कहा कि इसके बाद अगस्त में 'येन कैरी ट्रेड' (Yen Carry Trade) को खत्म कर दिया गया, जिसने अस्थिरता के एक और दौर को जन्म दिया. इन झटकों के बावजूद बाजार सितंबर में नए शिखर पर पहुंच गया. अग्रवाल ने कहा कि इसके बाद एफआईआई की बिकवाली, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद बढ़ी वैश्विक अनिश्चितताओं और बढ़ती मुद्रास्फीति के चलते तेजी से गिरावट हुई. सिर्फ अक्टूबर में बीएसई सेंसेक्स 4,910.72 अंक यानी 5.82% गिर गया.

हाई वैल्युएशन के कारण FII कर रहे मुनाफावसूली

मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक पलक अरोड़ा चोपड़ा ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) हाई वैल्युएशन के कारण मुनाफावसूली कर रहे हैं, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) लगातार बाजार का समर्थन कर रहे हैं. इस साल बाजार के सकारात्मक रुझान में खुदरा निवेशकों की भारी भागीदारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

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