LIC IPO Latest Update: मार्केट रेग्‍युलेटर सिक्‍युरिटीज एंड एक्‍सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने सोमवार को LIC के अपडेटेड ड्रॉफ्ट रेड हेयरिंग प्रॉस्‍पेक्‍ट्स (DRHP) को मंजूरी दे दी है. सरकार ने दिसंबर तिमाही के फाइनेंशियल्‍स के साथ मार्केट रेग्‍युलेटर के पास अपडेटेट ड्रॉफ्ट पेपर जमा कराया गया था. हालांकि, LIC IPO में देरी हो सकती है. मेगा आईपीओ के लिए सरकार ने 13 फरवरी को डीआरएचपी फाइल किया था, जिसमें सितंबर तक की फाइनेंशियल डीटेल थी. इसे सेबी की मंजूरी इस महीने के शुरुआत में ही मिल गई थी.

सरकार की 60 हजार करोड़ जुटाने की योजना 

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इस मेगा आईपीओ के जरिए सरकार की योजना 31.6 करोड़ या 5 फीसदी शेयर बेचकर 60,000 करोड़ रुपये जुटाने की है. ताकि, इसके संशोधित विनिवेश लक्ष्य 78,000 करोड़ रुपये को पूरा किया जा सके. मार्च में अगर यह बिक्री नहीं होती है तो सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए अपने संशोधित विनिवेश लक्ष्य से पीछे रह जाएगी. LIC का यह पब्लिक इश्यू के भारतीय शेयर मार्केट के इतिहास में सबसे बड़े आईपीओ होगा. जिसके बाद एलआईसी (LIC) की मार्केट वैल्यू रिलायंस और टीसीएस जैसी टॉप कंपनियों के बराबर होगी.

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दिसंबर तिमाही में 235 करोड़ का नेट प्रॉफिट 

अपडेटेड फाइनेंशियल्‍स के मुताबिक, लाइफ इंश्‍योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) का अक्‍टूबर-दिसंबर तिमाही का नेट प्रॉफिट 235 करोड़ रुपये रहा. अप्रैल-दिसंबर 2021 तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट बढ़कर 1,671.57 करोड़ रुपये हो गया. जो एक साल पहले की इसी अवधि में 7.08 करोड़ रुपये था. 

बता दें, एलआईसी (LIC) के पास मौजूदा समय में 21 हजार करोड़ से अधिक अनक्‍लेम्‍ड अमाउंट पड़ा है. 30 सितंबर 2021 तक करीब 21,538.93 करोड़ को लेने के लिए ग्राहकों की ओर से क्लेम नहीं किया गया था. नियमों के मुताबिक,  प्रत्येक बीमा कंपनी को 1,000 रुपये या उससे अधिक की बिना दावे वाली राशि का ब्योरा अपनी वेबसाइट पर डालना होता है.