Stock Market: इक्विटी निवेशकों के लिए बाजार मे रिटर्न की संभावना दिख रही है. फाइनेंशियल और हेल्थकेयर सेक्टर में मजबूत ग्रोथ दिख सकती है. बाजार आमतौर पर शॉर्ट टर्म में बहुत एफिशिएंट होते हैं. हालांकि, लंबी अवधि के दौरान महत्वपूर्ण अक्षमताएं होती हैं. इसलिए, लंबी अवधि के निवेश का लक्ष्‍य लेकर चलने वाले निवेशक सिर्फ लंबी अवधि के नजरिए के साथ ही बेहतर अवसर पा सकते हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

PGIM इंडिया म्‍यूचुअल फंड के सीआईओ विनय पहारिया के मुताबिक, इक्विटी पर हाई रिटर्न (RoE) के साथ-साथ मजबूत और स्‍टेबल रहने वाली अर्निंग ग्रोथ एक सफल लॉन्‍ग टर्म कंपाउंडिंग का राज है. स्टॉक की कीमतें लंबी अवधि में उनके फेयर वैल्यू को ट्रैक करती हैं. शॉर्ट टर्म में, इनमें फेयर वैल्यू के आसपास उतार-चढ़ाव दिखता है.इस तरह से निवेश करना सिंपल है, लेकिन यह आसान नहीं है.

ये भी पढ़ें- Business Idea: कमाल का बिजनेस! 2.15 लाख रुपये लगाओ और महीने का 1 लाख कमाओ

फंड हाउस अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेहतर प्रणाली

पीजीआईएम इंडिया एएमसी के उचित मूल्य पर ग्रोथ (GARP) पर फोकस्‍ड निवेश की एक मजबूत प्रक्रिया है. इसके पास रिस्‍क-एडजस्‍टेड बेसिस पर लंबी अवधि में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए एक वैज्ञानिक प्रणाली है और इसे सुनिश्चित करने के लिए निवेश की प्रक्रिया के अलग-अलग हिस्सों में रिसर्च करते हैं. यह शॉर्ट टर्म के प्रदर्शन में किसी भी तरह की अस्थिरता को कम करने और बेहतर तरीके से समझाने में हमारी मदद करता है.

एएमसी क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए निवेश टीम के साथ ज्यादा से ज्यादा रिसोर्स और सलाहकारों या एक्‍सपर्ट को जोड़ने पर काम कर रहा है. इसका फोकस एक साइंटिफिक इन्वेस्टमेंट  अप्रोच पर अधिक है, इसलिए हमें अपने इन्‍वेस्‍टमेंट आइडिया पर गहरे और तेज रिसर्च की आवश्यकता है. हमारा फोकस  एक इन-हाउस, निवेश से जुड़ा निर्णय लेने के लिए मजबूत सपोर्ट सिस्‍टम बनाने का है, इसलिए हम अपनी निवेश टीम में विस्तार कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- किसानों के लिए वरदान है ये फसल, धान से ज्यादा मिलेगा मुनाफा

इन्वेस्टमेंट प्रोसेस यह सुनिश्चित करने के लिए गार्ड-रेल्स सेट करती है कि हमारा फंड ट्रू-टु-मैनडेट बना रहे. यह पोर्टफोलियो बनाने के लिए एक गाइड-बुक के रूप में काम करता है, गलतियों को रोकने में मदद करता है और प्रदर्शन को लेकर अंदाजा लगा सकता है. फंड मैनेजर की क्षमता बाजार के मूड और माहौल के आधार पर फैसले लेने में होती है. हमारी निवेश प्रक्रिया पूर्व अनुमानों और रिस्‍क-रिवार्ड ट्रेड-ऑफ पर उनके प्रभाव का विश्लेषण करने के बाद इन फैसलों का मार्गदर्शन करने में मदद करती है. 

फेयर वैल्‍यू से स्‍मॉल प्रीमियम पर कारोबार कर रहा बाजार

बाजार मौजूदा फेयर वैल्‍यू से स्‍मॉल प्रीमियम पर कारोबार करता दिख रहा है. इसके अलावा, अनुमानित आर्थिक मंदी के कारण निकट अवधि में अर्निंग पर दबाव रहने की संभावना है. मंदी की संभावना इन वजहों से है- विकसित बाजारों में मंदी, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और महामारी के दौर से डिमांड में कमी. हालांकि, फेयर वैल्यू में मध्यम से लंबी अवधि की ग्रोथ मजबूत होने की संभावना है. इसलिए, 3 से 5 साल का निवेश लक्ष्‍य लेकर चल रहे इक्विटी निवेशक के लिए बाजार में वर्तमान संभावित उछाल रीजनेबल दिख रहा है.

ये भी पढ़ें- धान से कमाना है मोटा मुनाफा, तो अपनाएं से नया तरीका

इन सेक्टर पर हैं बुलिश

कंज्यूमर: डिस्क्रेशनरी और ग्रॉसरी रिटेल, क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) और लग्जरी प्रोडक्‍ट्स वाली कंपनियों में ग्रोथ की उम्मीद है.

फाइनेंशियल: पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड और मोर्तगेजेज जैसे सब सेगमेंट में रिटेल कंज्यूमर फाइनेंस में मजबूत ग्रोथ की उम्मीद है. कई अन्य एंसीलरी फाइनेंशियल सर्विसेज हैं, जैसे कैपिटल मार्केट, वेल्थ मैनेजर्स, जिन्हें इस ट्रेंड का फायदा मिलेगा.

हेल्‍थकेयर: अधिकांश विकसित देशों में दिखने वाले ट्रेंड की तरह जैसे जैसे इकोनॉमी बढ़ रही है, प्रति व्यक्ति आय का एक बड़ा हिस्सा कंज्‍यूमर्स द्वारा हेल्‍थकेयर पर खर्च किया जाता है. हम इस सेक्टर में अस्पतालों और CRAMS (कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च एंड मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज) स्पेस में कई कंपनियों पर बुलिश हैं.

उपरोक्त सेक्टर  कॉमन विषय यह है कि जैसे-जैसे डिस्पोजेबल इनकम बढ़ती है, विवेकाधीन व्यय पर होने वाला खर्च, कुल आय की तुलना में असमान रूप से बढ़ता है. हम इस पैन को सभी सेक्टर में कई कंपनियों में देख रहे हैं.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें