भारतीय शेयरों (Indian Stock Market) में मंथली एक्सपायरी (Expiry) के दिन अच्छा एक्शन देखने को मिल रहा है. बुधवार को भी शेयर बाजारों में अच्छी रौनक देखने को मिली थी. लेकिन, सवाल यह है कि बाजार में जो रैली देखने को मिली है या जो सेंटीमेंट्स हैं वो एक्सपायरी की शॉर्ट कवरिंग (Short covering) है या फिर लिक्विडिटी (Liquidity) बढ़ने की संभावना है. क्या थोड़ा-थोड़ा पैसा भारतीय बाजारों में भी आएगा. शायद FIIs थोड़ी और खरीदारी कर सकें या फिर भारतीय बाजारों के लिए उनका सेंटीमेंट सुधर रहा है. ऐसे कोई संकेत मिल रहे हैं? ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने इस सभी सवालों के जवाब दिए हैं. 

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अनिल सिंघवी के मुताबिक, इस गलतफहमी में न रहें कि सेंटीमेंट सुधर रहे हैं. क्योंकि, इस तरह की तेजी किसी और दिन होती या फिर सरकार की तरफ से कोई पॉजिटिव खबर आती तो माना जा सकता है. ये तेजी पूरी तरह से एक्सपायरी की शॉर्ट कवरिंग की वजह से ही है. दुनियाभर के बाजार मजबूत हैं. हम अंडरपरफॉर्म कर रहे थे, ऐसी स्थिति में ग्लोबल मार्केट से जब कोई संकेत दिखता है तो शॉर्ट कवरिंग की तेजी देखने को मिलती है. 

अनिल सिंघवी के मुताबिक, सिर्फ शॉर्ट सेलर्स में ही ऐसा कॉन्फिडेंस होता है कि इस तरह की खरीदारी करें. बैंक निफ्टी और निफ्टी में 1000 प्वाइंट की तेजी ऐसे ही थोड़ी दिखाई देती है. एक्सपायरी के वक्त ऐसा ही होता है. अभी सौदा नहीं काटा तो मर जाएगी और वो एक्सेसिव शॉर्ट में बैठे होते हैं. हालांकि, यह मानने की जल्दबाजी में नहीं हूं कि ट्रेंड बदल गया है. सबकुछ ठीक हो गया है. कल की तेजी और आज की तेजी सिर्फ ग्लोबल मार्केट और हमारी शॉर्ट कवरिंग की वजह से है.

अगली सीरीज में क्या?

पिछली एक्सपायरी यानी 30 अप्रैल को निफ्टी ने 9889 का हाई बनाया था और 9850 के आसपास क्लोजिंग रही थी. ठीक ऐसी ही स्थिति तब भी बनी थी, जब एक्सपायरी से ठीक पहले अंधाधुंध तेजी बनी थी. ट्रेंड देखिए, अप्रैल सीरीज में बाजार लगातार ऊपर जा रहे थे. वहीं, मई सीरीज में लगातार नीचे गए हैं. बस एक दो दिन बीच में तेजी आई है. लेकिन, दूसरी तेजी एक्सपायरी से ठीक पहले बनी है. एक्सपायरी से पहले शॉर्ट कवरिंग रैली देखने को मिली है. हमने पूरी सीरीज में यह बात की कि ऊपर जाने पर बेचना है. लेकिन, जहां अच्छा सपोर्ट लेवल था बैंक निफ्टी में 16800-17100 की रेंज थी, वहां भी सलाह थी कि सिर्फ शॉर्ट नहीं करना है, लॉन्ग भी करना है.

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जून में पता चलेगा ट्रेंड

अनिल सिंघवी के मुताबिक, मई एक्सपायरी से पहले जो तेजी आई है, वो ट्रेंड बदला है या नहीं, जून महीने में इसका पता चलेगा. अनिल सिंघवी को लगता है कि मार्केट में ट्रेड करने का वो ही तरीका रहेगा कि जब एक्सेसिव तेजी के मूड में बाजार आएगा तो वहां प्रॉफिट बुक करना है. जब मंदी के मूड में बाजार आएगा तो वहां खरीदारी करनी है. 10-10 फीसदी की रेंज निफ्टी और बैंक निफ्टी में जो रहेगी, उस रेंज में ट्रेड करना आपको सीखना पड़ेगा, तभी आप पैसा बना पाएंगे.