गैस सिलेंडर से जुड़ी आपके फायदे की बात, अक्सर ग्राहकों को नहीं बताती कंपनियां
बजट में सरकार ने उज्जवला योजना का जिक्र करते हुए आगे भी गैस कनेक्शन देने पर जोर दिया है. लेकिन, गैस कनेक्शन से जुड़ी ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें लोग नहीं जानते हैं. खास बात यह है कि कंपनियां और डीलर भी अक्सर ग्राहकों को सीधे तौर पर इसकी जानकारी नहीं देती हैं.
सरकार समय-समय पर गैस कनेक्शन से जुड़े नियमों में बदलाव करती रहती है. केंद्र सरकार ने डीबीटीएल योजना और ऑनलाइन प्रोसेसिंग के जरिए लोगों की कई परेशानियां कम की हैं. बजट में सरकार ने उज्जवला योजना का जिक्र करते हुए आगे भी गैस कनेक्शन देने पर जोर दिया है. लेकिन, गैस कनेक्शन से जुड़ी ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें लोग नहीं जानते हैं. खास बात यह है कि कंपनियां और डीलर भी अक्सर ग्राहकों को सीधे तौर पर इसकी जानकारी नहीं देती हैं. आइये जानते हैं ऐसे कौन फायदे हैं, जिनकी जानकारी आपको होनी चाहिए.
आप जो सिलेंडर इस्तेमाल कर रहे हैं, उसमें फायदे की बात छुपी होती है. लेकिन, डिस्ट्रीब्यूटर यह बात कंज्यूमर्स को नहीं बताते. दरअसल, सिलेंडर खरीदते वक्त ही उसका इन्श्योरेंस हो जाता है. 50 लाख रुपए तक होने वाले इस इंश्योरेंस की जानकारी लोगों को नहीं होती. सिलेंडर का इन्श्योरेंस उसकी एक्सपायरी से जुड़ा होता है. अक्सर लोग सिलेंडर की एक्सपायरी डेट की जांच किए बिना ही इसे खरीद लेते हैं. ऐसे में इस बात को आप ध्यान में रखें.
दुर्घटना पर मिलता है बीमा
गैस कनेक्शन लेते ही उपभोक्ता का 10 से 25 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा हो जाता है. इसके तहत गैस सिलेंडर से हादसा होने पर पीड़ित इन्श्योरेंस क्लेम कर सकता है. साथ ही, सामूहिक दुर्घटना होने पर 50 लाख रुपए तक देने का प्रावधान है. सिलेंडर फटने की घटनाएं काफी होती है. लेकिन, इससे बचने के लिए पहला उपाय यह है कि सिलेंडर की एक्सपायरी चेक कर लेनी चाहिए.
ऐसे करें एक्सपायरी डेट की पहचान
- सिलेंडर की पट्टी पर ए, बी, सी, डी में से एक लेटर के साथ नंबर होते हैं.
- गैस कंपनियां 12 महीनों को चार हिस्सों में बांटकर सिलेंडर्स का ग्रुप बनाती हैं.
- 'ए' ग्रुप में जनवरी, फरवरी, मार्च और 'बी' ग्रुप में अप्रैल, मई जून होते हैं. 'सी' ग्रुप में जुलाई, अगस्त, सितंबर और 'डी' ग्रुप में अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर होते हैं.
- सिलेंडर पर इन ग्रुप लेटर के साथ लिखे नंबर एक्सपायरी या टेस्टिंग ईयर दर्शाते हैं. जैसे- 'बी-12' का मतलब सिलेंडर की एक्सपायरी डेट जून, 2012 है. ऐसे ही, 'सी-12' का मतलब सितंबर, 2012 के बाद सिलेंडर का इस्तेमाल खतरनाक है.
ऐसे कराएं गैस कनेक्शन ट्रांसफर
अब आपको शहर बदलने पर गैस कनेक्शन की टेंशन नहीं होगी. आप अपना गैस कनेक्शन किसी भी शहर में जाने पर बदल सकते हैं. इसके लिए आपको थोड़ी सी मेहनत करनी होगी. यह सेवा पूरे देश में लागू है.
क्या है प्रोसेस
- अभी आप जिस शहर में रह रहे हैं, वहां अपनी गैस एजेंसी पर जाएं. यहां अपना गैस सिलेंडर और रेग्युलेटर जमा करा दें.
- ऐसा करने पर गैस एजेंसी डिस्ट्रीब्यूटर आपको जमा किए हुए पैसे लौटा देगा.
- इसके साथ ही वह आपको एक फॉर्म देगा, जिसमें आपके गैस कनेक्शन होने का प्रूफ होगा.
- अब यदि आप शहर बदलते हैं, तो जिस शहर में रहना है वहां की गैस एजेंसी पर जाएं.
- उस गैस एजेंसी को वह फॉर्म दिखाएं, जो आपको पुराने शहर की गैस एजेंसी से मिला है.
- जो पैसे आपको लौटाए गए थे, वो नई एजेंसी पर जमा करवाकर आप कनेक्शन वापस पा सकते हैं.
गैस कनेक्शन कर सकते हैं ट्रांसफर
अब आप परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर गैस कनेक्शन ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके साथ ही यह भी सुविधा है कि आप किसी दूसरे का कनेक्शन उपयोग कर रहे हैं, तो वह भी अपने नाम पर ट्रांसफर कराया जा सकता है. गैस कनेक्शन ट्रांसफर कर रहे हैं तो दो शपथ पत्र की जरूरत होगी. दोनों व्यक्तियों को एक-एक शपथ पत्र भरना होगा. इसमें उसे बताना होगा कि गैस कनेक्शन लेने वाले के नाम से पहले कोई गैस कनेक्शन नहीं है. दूसरा शपथ पत्र वह व्यक्ति देगा, जो अपना कनेक्शन सामने वाले व्यक्ति को देना चाहता है. उसे अपने शपथ पत्र में नाम ट्रांसफर के संबंध में एनओसी देनी होगी. इसके अलावा नाम ट्रांसफर कराने वाले व्यक्ति को संबंधित एजेंसी को वर्तमान कनेक्शन की कॉस्ट और सिक्योरिटी मनी क्लियर करनी होगी.
ये चाहिए डॉक्युमेंट
कनेक्शन ट्रांसफर कराने के लिए आपको रेजिडेंस प्रूफ के रूप में आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, लीज एग्रीमेंट, वोटर आइडी, टेलीफोन/इलेक्ट्रिसिटी/वाटर बिल, पासपोर्ट, राशन कार्ड में से कोई आईडी देनी होगी. फोटो आईडी के रूप में आधार कार्ड, पासपोर्ट नंबर, पैन कार्ड, वोटर आईडी दे सकते हैं. इसके साथ शपथ पत्र लगाना होगा. केवाईसी फॉर्म के लिए दो फोटो देने होंगे. इसके साथ बैंक अकाउंट लिंक करने के लिए केंसल चेक या पासबुक की फोटोकॉपी देनी होगी.
ऑनलाइन लें गैस कनेक्शन
अब आप (MyLPG.in) वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन गैस कनेक्शन ले सकते हैं. यह योजना 4 सितंबर से लागू की गई है.
ऐसे बुक करें ऑनलाइन कनेक्शन, ये चाहिए होंगे डॉक्युमेंट
- MyLPG.in वेबसाइट खोलने के बाद कॉर्नर पर ‘सहज’ पोर्टल का लिंक मिलेगा. पहले इस लिंक पर क्लिक करें. यहां आपको ‘ऑनलाइन कनेक्शन’ का ऑप्शन मिलेगा, इस पर क्लिक करें.
- आवेदक को अपनी फोटो के साथ आधार नंबर व बैंक खाता संख्या अपलोड करना होगा.
- आईडी प्रूफ का डिटेल देने के बाद रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प आएगा.
- भुगतान करते ही आवेदक के ई-मेल पर संदर्भ संख्या आएगी. पेमेंट का डेक्लेरेशन भी ई-मेल पर मिलेगा.
- गैस कंपनी द्वारा कनेक्शन जारी करते ही एक कॉपी कस्टमर के ई-मेल पर पहुंच जाएगी.
ऐसे पूरी करें गैस सब्सिडी के लिए ऑनलाइन प्रोसेस
स्टेप-1: सबसे पहले इस वेबसाइट पर क्लिक करें https://rasf.uidai.gov.in/seeding/User/ResidentSplash.aspx क्लिक करने के बाद आपके सामने आधार कार्ड की वेबसाइट खुलकर आएगी. इसमें एक स्टार्ट नाउ का बटन होगा. इस पर क्लिक करने से एक और पेज खुलेगा.
स्टेप-2: इस पेज पर आपसे आपकी डिटेल्स मांगी जाएंगी. इनमें तीन ऑप्शन होंगे. पहला कौन से राज्य के निवासी हैं, कौन से शहर के निवासी हैं. इसके बाद किस बेनेफिट के लिए आप आधार कार्ड को लिंक करा रहे हैं. इसमें एक ही ऑप्शन आएगा LPG. इसके बाद इसमें कंपनी का नाम भरना होगा.
स्टेप-3: तीसरे स्टेप में आपको अपना डिस्ट्रीब्यूटर, कंज्यूमर नंबर भरना होगा. इसके बाद ई-मेल आईडी, फोन नंबर और आधार नंबर देना होगा. https://rasf.uidai.gov.in/seeding/User/ResidentSelfSeedingpds.aspx
स्टेप-4: वेरिफिकेशन
मोबाइल, ई-मेल आईडी रजिस्ट्रर कराने के बाद आपके पास एक OTP नंबर आएगा. वेरिफिकेशन कोड की जगह ये नंबर एंटर कीजिए और फिर बॉक्स में बनी इमेज को अल्फा न्यूमरिक कोड भरना होगा. इसके बाद आखिरी में सब चेक करने के बाद सबमिट बटन दबाना होगा. इसके कुछ दिन बाद ही आपकी रिक्वेस्ट अप्रूव हो जाएगी. इसके बाद सब्सिडी सीधे आपके बैंक अकाउंट में पहुंच जाएगी.