बीते सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों में हल्की तेजी दर्ज की गई, जिसमें कच्चे तेल के दाम में हाल में आई कमी की मुख्य भूमिका रही. साप्ताहिक आधार पर, सेंसेक्स 298.61 अंकों या 0.84 फीसदी की तेजी के साथ 35,457.16 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 97 अंकों या 0.91 फीसदी की तेजी के साथ 10,682.20 पर बंद हुआ. बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 53.61 अंकों या 0.35 फीसदी की तेजी आई और यह 14,997.81 पर बंद हुआ. वहीं, बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 185.97 अंकों या 1.26 फीसदी की गिरावट के साथ 14,485.88 पर बंद हुआ.

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सोमवार को बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 345.56 अंकों या 0.98 फीसदी की गिरावट के साथ 34,812.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 103 अंकों या 0.97 फीसदी की गिरावट के साथ 10,482.20 पर बंद हुआ. मंगलवार को बाजार में अच्छी तेजी रही और सेंसेक्स 331.50 अंकों या 0.95 फीसदी की तेजी के साथ 35,144.49 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 100.30 अंकों या 0.96 फीसदी की तेजी के साथ 10,582.50 पर बंद हुआ.

बुधवार को बाजार में मामूली गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 2.50 अंकों या 0.01 फीसदी की गिरावट के साथ 35,141.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 6.20 अंकों या 0.06 फीसदी की गिरावट के साथ 10,576.30 पर बंद हुआ. गुरुवार को एक बार फिर शेयर बाजारों में तेजी लौटी और सेंसेक्स 118.55 अंकों या 0.34 फीसदी की तेजी के साथ 35,260.54 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 40.40 अंकों या 0.38 फीसदी की तेजी के साथ 10,616.70 पर बंद हुआ.

टाटा मोटर्स सबसे ज्यादा टूटा

शुक्रवार को सेंसेक्स 196.62 अंकों या 0.56 फीसदी की तेजी के साथ 35,457.16 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 65.50 अंकों या 0.62 फीसदी की गिरावट के साथ 10,682.20 पर बंद हुआ. बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे- रिलायंस इंडस्ट्रीज (3.12 फीसदी) और आइशर मोटर्स (9.85 फीसदी). सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में - टाटा मोटर्स (8.18 फीसदी), कोल इंडिया (1.77 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (3.68 फीसदी) और सन फार्मा (12.8 फीसदी) प्रमुख रहे.

खुदरा महंगाई से राहत 

आर्थिक मोर्चे पर, खाद्य पदार्थो की कीमतें गिरने से अक्टूबर में देश की खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर 3.31 फीसदी रही, जबकि सितंबर में यह बढ़कर 3.70 फीसदी थी. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) अक्टूबर में नकारात्मक 0.86 फीसदी रही, जोकि सितंबर से 0.51 फीसदी अधिक है. वहीं, औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में गिरकर 4.5 फीसदी रही है.

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में घटकर 4.5 फीसदी रही है, जबकि अगस्त में यह 4.66 फीसदी पर थी. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित देश की सालाना मुद्रास्फीति दर अक्टूबर में बढ़कर 5.28 फीसदी रही है, जबकि सितंबर में यह 5.13 फीसदी थी. 

(इनपुट एजेंसी से)