LIC IPO: सरकार देश के इन्वेस्टर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC के आईपीओ पर फैसला करेगी. सरकार ने कहा कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अस्थिरता के बीच मार्केट करीब से देख रही है.

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DIPAM सेक्रेटरी तुहिन कांता पांडे (Tuhin Kanta Pandey) ने कहा कि सरकार की इच्छा चालू वित्त वर्ष में सरकारी जीवन बीमा कंपनी का आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लाने की है, लेकिन यह एक 'डायनामिक स्थिति' है.

सरकार के लिए जरूरी है LIC IPO

जीवन बीमा निगम (LIC) के IPO के माध्यम से सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने का लक्ष्य रखा है ताकि इसके संशोधित विनिवेश लक्ष्य 78,000 करोड़ रुपये को पूरा किया जा सके.

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हालांकि, यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण मार्केट में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर LIC शेयर बिक्री के समय पर पुनर्विचार हो सकता है.

इन्वेस्टर्स के हितों का ध्यान

निवेश विभाग के सचिव पांडेय ने कहा कि कुछ अप्रत्याशित घटनाएं अभी हुई हैं. हम मार्केट को करीब से देख रहे हैं और निश्चित रूप से सरकार जो कुछ भी कर रही है, उसमें निवेशकों का हित होगा.

मार्केट को करीब से देख रही सरकार

उन्होंने कहा कि सरकार इस वित्त वर्ष में ही एलआईसी के आईपीओ को लाने की इच्छा रखती है. वित्त वर्ष 31 मार्च को समाप्त हो रहा है. लेकिन अभी जो स्थित आई है, उसे हम करीब से देख रहे हैं. हमें सतर्क रहना होगा और उसी के अनुसार अपनी रणनीति को बनाना होगा.

सरकार ने कहा कि वह प्रोफेशनल एडवाइजर की सलाह पर इन्वेसटर्स और स्टेकहोल्डर्स के हित में फैसला लेगी.