कार्वी के 2.5 लाख के कस्टमर्स इस वक्त फिर से मुश्किल में हैं. SEBI ने कार्वी के खिलाफ एक ऑर्डर पास किया है. ऑर्डर में कहा गया है कि कार्वी ने 2000 करोड़ रुपए का घोटाला किया है. कई क्लाइंट्स के अकाउंट में से शेयर लिए हैं, शेयर ट्रांसफर किए गए हैं. शेयरों को बेचकर या गिरवी रखकर पैसा उठाए हैं. या फिर जिन क्लाइंट्स ने शेयर बेचे हैं तो उन क्लाइंट्स को पैसे नहीं मिले हैं. अगर आप भी इन कस्टमर्स में से एक हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद महत्वपूर्ण है.

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कार्वी पर SEBI की बड़ी कार्रवाई

  • कार्वी ब्रोकिंग के नए क्लाइंट जोड़ने पर लगी रोक
  • मार्केट रेगुलेटर SEBI ने रोक लगाई
  • क्लाइंट के शेयरों, फंड में गड़बड़ी का मामला
  • स्टॉक एक्सचेंज को एक्शन लेने के निर्देश
  • डिपॉजिटरीज पावर ऑफ अटॉर्नी पर कार्वी का निर्देश न मानें
  • कार्वी के कुछ DP अकाउंट से शेयर के ट्रांसफर पर रोक लगाई
  • जवाब देने के लिए कार्वी के पास 21 दिन का वक्त

कहां और कैसे करें ब्रोकर की शिकायत

  • ब्रोकर से शिकायत है तो BSE और NSE की वेबसाइट पर शिकायत कर सकते हैं.
  • एक्सचेंज के 24 रीजनल सेंटर पर भी शिकायत कर सकते हैं.
  • SEBI का एक सिस्टम है- SCORES के जरिए सेबी को शिकायत भेज सकते हैं.

शिकायत के लिए दस्तावेज

  • मामले में 3 साल मे आप शिकायत कर सकते हैं.
  • कॉन्ट्रैक्ट नोट्स, बिल, अकाउंट स्टेटमेंट्स
  • शेयर डिलीवरी की रिसिप्ट
  • आर्बिट्रेशन फॉर्म
  • इनकम टैक्स रिटर्न
  • ब्रोकर से बातचीत के दस्तावेज

ब्रोकर्स से पैसा कैसे मिलेगा...

  • ब्रोकर एक्सचेंज को या फिर सीधे निवेशक को पेमेंट कर सकता है.
  • ब्रोकर पैसेनहीं देगा, तो एक्सचेंज ब्रोकर के डिपॉजिट में निवेशक को पैसा देगा.
  • एक्सचेंज के कहने पर बाद भी अगर ब्रोकर पैसा नहीं देता तो ब्रोकर डिफॉल्ट घोषित
  • DAC- डिसिप्लनरी एक्शन कमिटी ब्रोकर को डिफॉल्ट घोषित करती है.

क्या कहता है कार्वी ब्रोकिंग का मैनेजमेंट?

कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के सीईओ राजीव सिंह ने ज़ी बिज़नेस से खास बातचीत में कहा 2000 करोड़ रुपए की कोई बात ही नहीं है. SEBI के सामने रेप्रेजेंटेशन देंगे, निवेशकों का पैसा सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. राजीव सिंह ने कहा कंपनी सारे मामले को सुलझाने में सक्षम हैं, क्लाइंट्स के फंड्स का दुरुपयोग नहीं किया गया. SEBI के ऑर्डर का मौजूदा क्लाइंट्स पर कोई असर नहीं होगा. हालांकि, नए अकाउंट खोलने पर फिलहाल रोक लगाई है. रूटिन ऑडिट के बाद सेबी ने ऑर्डर जारी किया है. BSE, NSE, CDSL, NDSL भी अपने ब्रोकर्स का ऑडिट करती है. SEBI के सामने अपना पक्ष रखेंगे. कुछ अकाउंट की डिटेल्स मैच नहीं हो रही हैं. इसलिए ऑर्डर किया गया है. हालांकि, 2000 करोड़ रुपए के फ्रॉड की बात कहां से आई कुछ पता नहीं. 

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