Karvy Stock Broking के ग्राहक नहीं कर पाएंगे शेयर बाजार में ट्रेडिंग, कैंसिल हुआ लाइसेंस
शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने वालों के लिए ये खबर बेहद महत्वपूर्ण है. NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) ने ब्रोकरेज फर्म कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग (Karvy Stock Broking) का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है. नियमों की अनदेखी करने पर नियामक ने कार्वी के खिलाफ ये बड़ा फैसला लिया है. ऐसे में जिन ग्राहकों के अकाउंट कार्वी में हैं उन्हें आने वाले दिनों में मुश्किल का सामना करना पड़ेगा.
शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने वालों के लिए ये खबर बेहद महत्वपूर्ण है. NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) और BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) ने ब्रोकरेज फर्म कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग (Karvy Stock Broking) का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है. नियमों की अनदेखी करने पर नियामक ने कार्वी के खिलाफ ये बड़ा फैसला लिया है. ऐसे में जिन ग्राहकों के अकाउंट कार्वी में हैं उन्हें आने वाले दिनों में मुश्किल का सामना करना पड़ेगा.
सेबी के ऑर्डर के बाद हुआ ये फैसला
कार्वी के खिलाफ सेबी के ऑर्डर के बाद BSE और NSE ने कार्वी का ट्रेडिंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अब कार्वी के टर्मिनल ट्रेडिंग के लिए बंद कर दिए गए हैं. एक्सचेंज के नए आदेश का असर इक्विटी कैश, इक्विटी F&O, करेंसी और कमोडिटी डेरिवेटिव्स के अलावा डेट प्रोडक्ट्स की ट्रेडिंग पर पड़ेगा. हालांकि मौजूदा क्लाइंट अपने ओपन सौदों का निपटारा कर सकेंगे. मौजूदा ट्रेडर्स अपने शेयर दूसरे ब्रोकिंग फर्म्स के पास ट्रांसफर करा सकेंगे. 29 नवंबर को SAT में कार्वी ने मांग की थी कि क्लाइंट यानि निवेशकों के पावर ऑफ अटॉर्नी के इस्तेमाल पर लगी रोक हटाई जाए. SAT ने इस मामले पर कार्वी का पक्ष सुनकर आदेश पारित करने को कहा था. जिसके बाद शुक्रवार की देर रात सेबी ने आर्डर पास कर कार्वी की मांग को ठुकरा दिया. सेबी ने कहा कि इस मामले में पहले ही निवेशकों के शेयरों का दुरुपयोग होने के सबूत हैं. ऐसे में इस पर और रियायत देना ठीक नहीं होगा. सेबी ने अपने ऑर्डर में कहा कि 95000 निवेशकों के करीब 2300 करोड़ वैल्यू के शेयरों को बिना क्लाइंट्स से पूछे अवैध तरीके से कार्वी ने अपने डीमैट खाते में ट्रांसफर कर लिया.
निवेशकों को अपने मौजूदा ब्रोकर कार्वी से डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप लेकर भरवाना होगा. स्लिप में शेयर का 12 डिजिट का ISIN नंबर भरना होगा. इसके बाद जिस ब्रोकर के पास शेयर ट्रांसफर करना है उसका 16 कैरेक्टर वाला टारगेट क्लाइंट कोड भरना होगा. इसमें DP यानि डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट और ब्रोकर दोनों का ही कोड शामिल होता है. अगर पुराने और नए ब्रोकर दोनों ही NSDL के मेंबर हैं तो इसमें इंट्रा डिपॉजिटरी ट्रांसफर होगा. ऐसे में डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप में ऑफ मार्केट ट्रांसफर लिखना होगा. स्लिप को भरकर उसमें साइन करके मौजूदा ब्रोकर यानि कार्वी को देना होगा. इसकी रिसीविंग लेना नहीं भूलें. आमतौर पर 5-6 दिन में शेयर ट्रांसफर हो जाता है. अगर आप ऑनलाइन शेयर ट्रांसफर करते हैं तो इसके लिए CDSL, NSDL की वेवबसाइट पर जा सकते हैं. यहां रजिस्ट्रेशन करना होगा. पूरा फॉर्म भरकर सबमिट करना होगा. इसके बाद DP पूरे ब्यौरे की जांच के बाद पासवर्ड जारी करेगा. पासवर्ड आने के बाद निवेशक लॉगइन कर शेयर ट्रांसफर किया कर सकेंगे.
Karvy Stock Broking पर सभी आरोप साबित हुए तो ये देश में अब तक का सबसे बड़ा इक्विटी ब्रोकर डिफॉल्ट है. इस ब्रोकिंग फर्म पर 2000 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगे हैं. सेबी ने कार्वी पर नए क्लाइंट्स बनाने से भी रोक दिया है. वहीं मौजूदा क्लाइंट्स की ट्रेडिंग पर पाबंदी लगा दी है. सेबी के मुताबिक कार्वी पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने क्लाइंट्स के अकाउंट में रखे शेयर बेचकर पैसे अपनी ग्रुप कंपनी Karvy Realty में ट्रांसफर किए हैं.