37 सालों बाद इस बाजार में आई इतनी बड़ी गिरावट, आखिर क्या है 'Yen Carry Trade', क्यों है चर्चा
Japan Stock Market Crash: अमेरिका में जो मंदी का डर बाजारों को डरा रहा है, वो तो है ही, लेकिन जापान के लिए इससे भी बड़ा एक ट्रिगर है, YEN में Carry Trade खत्म होने का डर. दरअसल, जापानी करेंसी YEN के डॉलर के मुकाबले मजबूत होने के चलते पॉपुलर ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी Carry Trade के बंद होने का डर सता रहा है.
Japan Stock Market Crash: सोमवार (5 अगस्त) को दुनियाभर के शेयर बाजारों के लिए भारी-भरकम गिरावट वाला दिन है. अमेरिका में मंदी के डर से जो गिरावट शुक्रवार से शुरू हुई थी, वो आज और गहरा गई है. ऊपर से एशियाई बाजारों में और बड़ी बिकवाली आई है. जापानी इंडेक्स Nikkei पिछले 37 सालों में सबसे बड़ी इंट्राडे रिकॉर्ड देख रहा है. निक्केई में आज 4400 अंकों (12%) की गिरावट दर्ज हुई.
जापान में क्यों आई गिरावट?
अमेरिका में जो मंदी का डर बाजारों को डरा रहा है, वो तो है ही, लेकिन जापान के लिए इससे भी बड़ा एक ट्रिगर है, YEN में Carry Trade खत्म होने का डर. दरअसल, जापानी करेंसी YEN के डॉलर के मुकाबले मजबूत होने के चलते पॉपुलर ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी Carry Trade के बंद होने का डर सता रहा है.
क्या होता है 'Carry Trade'?
दरअसल, Carry Trade का मतलब होता है, जब निवेशक किसी कमजोर करेंसी के जरिए किसी देश से कम ब्याज दरों पर उधार लेते हैं, और उसे किसी दूसरे देश के असेट में, जो ज्यादा रिटर्न दे रहा हो, उसमें निवेश कर देते हैं.
ट्रेडर्स और निवेशक व्यापारी कम ब्याज वाली येन में उधार लेते हैं. इस उधर को फिर वह ज्यादा रेट्स वाली करेंसी में (डॉलर) कन्वर्ट करते हैं. इस पैसे को फिर अच्छे रिटर्न्स देने वाले एसेट्स में निवेश किया जाता है, जैसे- US के स्टॉक्स, US बांड्स, EM इक्विटीज जैसे जगहों पर पैसा लगाया जाता है. हाई रिटर्न्स मिलने पर कम रेट्स वाले उधार को चुकाया जाता है.
लेकिन टेंशन किस बात की है?
जापान में ये स्ट्रैटेजी इस्तेमाल की जाती है, लेकिन डॉलर के मुकाबले जापान का येन 7 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया है. पिछले कुछ दिनों में येन 161 से मजबूत होकर 145 पर आया है. अब बाजार को टेंशन है कि येन carry trade के रिवर्स होने से भारी ग्लोबल बिकवाली आएगी. 8 साल बाद जापान ने इस साल नेगेटिव रेट्स की पालिसी खत्म की थी. पिछले हफ्ते बैंक ऑफ़ जापान ने 17 साल में पहली बार दरों में बढ़ोतरी की थी. उधर यूएस में फेड भी सितंबर में रेट्स घटने को तैयार है. तो अब जापान में रेट्स बढ़ने और US में रेट्स घटने से carry trade पर नेगेटिव असर पड़ेगा. इस नेगेटिव असर की वजह से बाजार US एसेट्स को बेच रहे हैं और इस carry trade की unwinding से आगे और बिकवाली संभव आ सकती है.