IT sector Outlook: निवेशकों के लिए खास टिप्स, बैंकिंग और फाइनेंशियल कंपनियों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है IT स्टॉक्स का भविष्य
IT Sector Outlook: इंडियन आईटी कंपनियों के रेवेन्यू में बैंकिंग, फाइनेंशियल्स और इंश्योरेंस कंपनियों का बड़ा योगदान है. ये कंपनियां टेक्नोलॉजी पर कितना खर्च करती हैं, उससे IT कंपनियों के रेवेन्यू पर असर होगा.
IT Sector Outlook: कल शेयर बाजार चार महीने के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ. वर्तमान में जारी तेजी में आईटी, बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स का सबसे ज्यादा योगदान रहा है. विदेशी निवेशकों ने फिर से खरीदारी शुरू कर दी है. गुरुवार को फॉरन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 2298 करोड़ की खरीदारी की, जबकि डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 729 करोड़ की बिकवाली की है. नौ महीने तक लगातार बिकवाली करने के बाद फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स की वापसी हुई है. जुलाई में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में करीब पांच हजार करोड़ की खरीदारी की थी. अगस्त में अब तक 20 हजार करोड़ से ज्यादा की खरीदारी की जा चुकी है.
IT सेक्टर के आउटलुक को लेकर कोटक सिक्यॉरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट सुमित पोखरना ने कहा कि इंडियन आईटी कंपनियों के लिए रेवेन्यू का सबसे बड़ा सोर्स BFSI यानी बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस कंपनियां रही हैं. चालू वित्त वर्ष (2022-23) की पहली तिमाही में इन आईटी कंपनियों के रेवेन्यू में बीएफएसआई का योगदान 16.7 फीसदी से 53.4 फीसदी तक रहा है. जून तिमाही में इन्फोसिस का 31 फीसदी और विप्रो का 35 फीसदी रेवेन्यू BFSI सेगमेंट से आया. ऐसे में BFSI के आउटलुक का बहुत ज्यादा असर भारतीय आईटी कंपनियों पर होगा.
IT एक्सपेंडिचर पर रहेगी नजर
अमेरिका के जितने बडे़ बैंक हैं उनका आईटी एक्सपेंडिचर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़े हैं. हालांकि, सिटी बैंक, जेपी मॉर्गन, वेल्स फर्गो जैसे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन का आईटी पर खर्च घटा है या फिर स्थिर रहा है. बैंक ऑफ अमेरिका, मॉर्गन स्टैनली और गोल्डमैन सैक्श जैसी कंपनियों का खर्च बढ़ा है. सिटी ग्रुप का टेक एक्सपेंडिचर भारतीय आईटी कंपनियों के बहुत अहम माना जाता है.
अमेरिकी में सुस्ती का होगा असर
अमेरिका इस समय हाई इंफ्लेशन रेट, इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी, कमजोर मैक्रो इकोनॉमिक डेटा और ग्लोबल पॉलिटिकल टेंशन से जूझ रहा है. इसका असर हर सेक्टर पर होगा. मंदी की भी आशंका जाहिर की जा रही है. ऐसे में बैंकिंग सेक्टर भी प्रभावित है. माना जा रहा है कि बैंकिंग सेक्टर का खर्च क्लाउड और न्यू टेक्नोलॉजी पर ज्यादा होगा.