Top-5 IPO in 2023: जानिए अगले साल किन 5 बड़ी कंपनियों के आएंगे आईपीओ, निवेशकों को क्या करना है?
Top-5 IPO in 2023: अगर सबकुछ सही रहा तो अगले साल आईपीओ का बाजार गरम रह सकता है. जी बिजनेस के ऐनालिस्ट अरमान नाहर की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले साल 90 कंपनियों का आईपीओ आ सकता है जिसकी मदद से 1.4 लाख करोड़ का फंड इकट्ठा किया जाएगा.
Top-5 IPO in 2023: इस साल आईपीओ का बाजार कमजोर रहा. हालांकि, अगले साल इसके गरम रहने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि अगले साल ब्याज दरों का संकट कम होगा. भारत का ग्रोथ अपने ट्रैक पर है, जिससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत होगा और बाजार को फायदा मिलेगा. इसके कारण आईपीओ का बाजार गरम रह सकता है. OYO, Swiggy जैसी कंपनियां अगले साल बाजार में दस्तक देने की तैयारी में हैं. जी बिजनेस के ऐनालिस्ट अरमान नाहर से जानते हैं कि अगले साल किन 5 बड़ी कंपनियों का आईपीओ आ सकता है और निवेशकों को क्या करना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक, अगले साल करीब 90 कंपनियां आईपीओ लाने की तैयारी में हैं. इसकी मदद से 1.4 लाख करोड़ का फंड इकट्ठा करने की योजना है.
इस साल अब तक 55 हजार करोड़ जुटाया गया
इस साल आईपीओ की बात करें तो अब तक केवल 33 कंपनियां आईपीओ लेकर आई हैं. इन्होंने करीब 55 हजार करोड़ का फंड इकट्ठा किया है. ऐसे में अगले साल यह संख्या भी तीन गुनी तक पहुंच सकती है और फंड रेजिंग भी तीन गुना हो सकता है. 2021 से तुलना करें तो उस साल करीब 60 आईपीओ आए थे और 1.2 लाख करोड़ का फंड इकट्ठा किया गया था. उसके मुकाबले यह बहुत ज्यादा होगा.
किस कंपनी का कितना बड़ा हो सकता है आईपीओ?
रिपोर्ट के मुताबिक, OYO का आईपीओ 8400 करोड़ का हो सकता है. Swiggy का आईपीओ 8300 करोड़ का हो सकता है. आधार हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ 7300 करोड़, मैनकाइंड फार्मा का 5500 करोड़, Fab India का 4000 करोड़, Ixigo का 1600 करोड़ और YATRA का 750 करोड़ का आईपीओ आ सकता है.
जिरोधा के निखिल कामत का विचार अलग
वैसे Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामत का विचार इससे अलग है. उनका कहना है कि दुनियाभर में ग्रोथ के मंद पड़ने के बीच 2023 मुश्किल साल रहने वाला है. भारत में भी इसके दुष्प्रभाव नजर आएंगे. उनका अनुमान है कि 2023 में बाजार नरम रह सकता है और आईपीओ के जरिये फंड जुटाने की गतिविधियों में भी अगले वर्ष कमी आ सकती है या फिर यह 2022 के स्तर पर ही रह सकता है.
16 दिसंबर तक 36 IPO आए हैं
प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 16 दिसंबर तक कुल 36 कंपनियां अपने आईपीओ लेकर आईं जिससे 56,940 करोड़ रुपये जुटाए गए. अगले हफ्ते दो और कंपनियों के आईपीओ आने वाले हैं जिसके बाद यह राशि और बढ़ जाएगी. वर्ष 2021 में 63 कंपनियों ने सार्वजनिक निर्गम से 1.2 लाख करोड़ रुपये जुटाये थे जो बीते दो दशकों में आईपीओ का सबसे अच्छा साल रहा था. इसके पहले 2020 में 15 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 26,611 करोड़ रुपये जुटाये थे. आईपीओ के अलावा रूचि सोया (Ruchi Soya) की सार्वजनिक पेशकश में 4,300 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.
Zee Business लाइव टीवी