Tata Technologies IPO पर टूट पड़े हैं निवेशक; जानिए टाटा ग्रुप की इस कंपनी का क्या है बिजनेस; 27 देशों में कारोबार
Tata Technologies IPO Latest Updates: गुरुवार (23 नवंबर) को दोपहर 1 बजे तक इश्यू 10.47 गुना सब्सक्राइब हो चुका है. इसमें रिटेल निवेशकों की कैटेगरी में सबिक्रप्शन 8.81 गुना से ज्यादा भर गया है.
Tata Technologies IPO Latest Updates: टाटा ग्रुप (Tata Group) की टाटा टेक्नोलॉजीज के पब्लिक इश्यू (IPO) में बोली लगाने के लिए निवेशक टूट पड़े हैं. रिटेल खरीदारों की भी IPO में पैसा लगाने की होड़ है. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि IPO खुलने के दूसरे दिन गुरुवार (23 नवंबर) को दोपहर 1 बजे तक इश्यू 10.47 गुना सब्सक्राइब हो चुका है. इसमें रिटेल निवेशकों की कैटेगरी में सब्सक्रिप्शन 8.81 गुना से ज्यादा भर गया. टाटा ग्रुप के इस IPO को लेकर निवेशकों में इतना तगड़ा क्रेज था कि इश्यू खुलने (22 नवंबर) के घंटे भर में ओवरसब्सक्राइब हो गया. ऐसे में यह सवाल है कि टाटा ग्रुप की जिस कंपनी के आईपीओ के लिए इतनी मारामारी है, आखिर उस कंपनी का बिजनेस क्या है और वह कितने देशों में बिजनेस ऑपरेट करती है.
साल 1989 में रखी गई नींव
टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड एक भारतीय मल्टीनेशनल प्रोडक्ट इंजीनियरिंग कंपनी है. यह इंजीनियरिंग एंड डिजाइन, प्रोडक्ट लाइफसाइकिल मैनेजमेंट, मैन्युफैक्चरिंग, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और ऑटोमोटिव, एयरोस्पेस व इंडस्ट्रियल हैवी मशीनरी इंडस्ट्री को आईटी सर्विस मैनेजमेंट सुविधाएं उपलब्ध कराती है. टाटा टेक्नोलॉजीज की शुरुआत साल 1989 में टाटा मोटर्स की एक ऑटोमोटिव डिजाइन यूनिट के रूप में हुई. साल 1994 में यह एक अलग कंपनी बनी, जिसमें टाटा मोटर्स का मैज्योरिटी स्टेक था. कंपनी का मुख्यालय पुणे में है. अमेरिका के डेट्रायट (मिशिगन) में कंपनी का रिजनल हेडक्वॉर्टर भी है.
टाटा टेक्नोलॉजीज की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, कंपनी की विशेषज्ञता की बात करें, तो इंजीनियरिंग एंड R&D, डिजिटल इंटरप्राइस, एजुकेशन और सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स में है. कंपनी के पास 12,000 से ज्यादा की वर्कफोर्स है. कंपनी के 19 ग्लोबल डिलिवरी सेंटर्स हैं. कंपनी के ग्लोबल डिलिवरी मॉडल तीन महाद्वीपों एशिया-प्रशांत, यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में फैले हुए हैं. इसके अलावा कंपनी का बिजनेस दुनिया के 27 देशों में है. फिलहाल अजयेन्द्र मुखर्जी टाटा टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन, इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं. जबकि वॉरेन हैरिस कंपनी के सीईओ एंड एमडी हैं.
1994 से अब तक टाटा टेक्नोलॉजीज इंक ने कई अहम सौदे किए हैं. इनमें अगस्त 2005 में यूके और यूएस बेस्ड ऑटोमोटिव एंड एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कंपनी INCAT इंटरनेशनल का अधिग्रहण शामिल है. यह डील करीब 53.4 मिलियन पाउंड में हुई. साल 2011 में टाटा टेक ने 13 फीसदी हिस्सेदारी टाटा कैपिटल एंड अल्फा TC होल्डिंग्स को बेचकर करीब 141 करोड़ रुपये (US$30 million) जुटाए. इसके बाद अप्रैल 2013 में टाटा टेक ने अमेरिकी इंजीनियरिंग सर्विसेज कंपनी कैमब्रिक कॉरपोरेशन (Cambric Corporation) का अधिग्रहण किया. इसके बाद नवंबर 2023 में कंपनी IPO लेकर आई है. IPO के जरिए 3042.5 करोड़ रुपए जुटाने का प्लान है.
Tata Technologies IPO: जानिए जरूरी फैक्ट्स
टाटा टेक्नोलॉजीज का IPO बुधवार यानी 22 नवंबर को खुला. टाटा ग्रुप की कंपनी IPO के जरिए 3042.5 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है. इसके लिए प्राइस बैंड 475-500 रुपए प्रति शेयर है. इससे पहले टाटा ग्रुप की कंपनी का IPO साल 2004 में आया था, जोकि TCS का था. आईपीओ के जरिए कंपनी 60,850,278 शेयर जारी करेगी. यह इश्यू पूरी तरह OFS (ऑफर फार सेल) है. 5 दिसंबर 2023 को स्टॉक की लिस्टंग BSE, NSE पर होगी.
अपर प्राइस बैंड पर कंपनी की वैल्युएशन 20,283 करोड़ रुपये (PE of 32.5x) है. टाटा मोटर्स के शेयर होल्डर्स के लिए इस आईपीओ में 10% यानी करीब 61 लाख शेयर रिजर्व्ड हैं. पिछले महीने टाटा मोटर्स ने टाटा टेक्नोलॉजी में प्री-IPO डील के जरिए 9.9 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 1613.17 करोड़ रुपये जुटाए हैं. IPO के बाद टाटा मोटर्स की टाटा टेक में हिस्सेदारी 64.79 फीसदी से घटकर 53.39 फीसदी रह जाएगा.
बता दें, टाटा टेक्नोलॉजीज के प्रोमोटर्स बेहद मजबूत और अनुभवी हैं. कंपनी की डिजिटल और टेक्नोलॉजी स्किल पर जबरदस्त पकड़ है. यह मजबूत कैश फ्लो वाली पूरी तरह कर्ज मुक्त कंपनी है. फाइनेंशियल ट्रैक रिकॉर्ड भी शानदार है. वैल्युएशंस बहुत ज्यादा आकर्षक हैं. एक खास बात कंपनी का एक तिहाई बिजनेस टाटा ग्रुप से ही है. जबकि ग्रुप की कुछ कंपनियां इसी तरह के बिजनेस में हैं.