Sula Vineyards IPO: 2.33 गुना भरा सब्सक्रिप्शन, रिटेल इन्वेस्टर्स ने 1.65 गुना दिया रिस्पॉन्स, जानें कब होगी लिस्टिंग
Sula Vineyards IPO Subscription Status: सुला वाइनयार्ड्स का आईपीओ अब बंद हो चुका है और अबतक इसे 2.33 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है. यहां जानिए कि इस आईपीओ की लिस्टिंग कब होनी है?
Sula Vineyards IPO Subscription Status: देश में शराब बनाने वाली कंपनी सुला वाइनयार्ड्स का आईपीओ अब बंद हो चुका है. अपने आखिरी दिन ये आईपीओ 2.33 गुना तक सब्सक्राइव हुआ है. बता दें कि सुला वाइनयार्ड्स का आईपीओ 12 दिसंबर को खुला था और 14 दिसंबर तक इस आईपीओ में निवेशक पैसा लगा सकते थे. कंपनी ने अपने आईपीओ का इश्यू साइज 960.35 करोड़ रुपए तय किया था और एनएसई पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, ऑफर पर 1,88,30,372 शेयरों के मुकाबले 4,38,36,912 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं. यहां जानिए कि सुला वाइडयार्ड्स (Sula Vineyards) के आईपीओ में किस कैटेगरी को कितना सब्सक्रिप्शन मिला है.
किस कैटेगरी का हिस्सा कितना भरा?
- QIB (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स) - 4.13 गुना
- RII (रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स) - 1.65 गुना
- NII (नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) - 1.51 गुना
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
Sula Vineyards IPO: क्या था प्राइस बैंड
कंपनी ने अपने आईपीओ का प्राइस बैंड 340-357 प्रति शेयर तय किया था. कंपनी ने एंकर इन्वेस्टर्स से 288 करोड़ रुपए का निवेश जुटा लिया है. यह आईपीओ 960 करोड़ का है. 42 शेयर का एक लॉट होगा. रीटेल निवेशकों को कम से कम 1 लॉट खरीदना होगा, जिसकी वैल्यु 14994 रुपए होगी. अधिकतम 13 लॉट खरीद सकते हैं, जिसकी वैल्यु 194922 रुपए होगी.
इस दिन होनी है लिस्टिंग (Sula Vineyards IPO Listing)
14 दिसबंर को इस आईपीओ में पैसा लगाने का आखिरी दिन था और अब ये आईपीओ (IPO) बंद हो चुका है. कंपनी ने जानकारी दी थी कि 22 दिसंबर को इस आईपीओ की लिस्टिंग होनी है. लिस्टिंग के दिन पता चलेगा कि निवेशकों को इस आईपीओ में पैसा लगाकर मुनाफा हुआ है या नुकसान.
भारत की सबसे बड़ी शराब बनाने वाली कंपनी
आईसीआईसीआई डायरेक्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, Sula Vineyards IPO भारत की सबसे बड़ी शराब प्रोड्यूसर और सेलर है. वित्त वर्ष 2021-22 में इसका मार्केट शेयर 52 फीसदी था. कंपनी 56 अलग-अलग ब्रांड के लिए शराब बनाती है. इसका वाइन डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क भारत में सबसे बड़ा है, जिसके दायरे में 13 हजार रीटेल टच प्वाइंट्स आते हैं. वाइन कैटिगरी में अपने देश में सालाना औसत ग्रोथ 20 फीसदी रहने का अनुमान है जिससे कंपनी को फायदा मिलेगा. ग्रेप वाइन सेगमेंट में कंपनी का मार्केट कैप 52 फीसदी है. ओवरऑल वाइन सेगमेंट में ग्रेप वाइन का मार्केट शेयर 85 फीसदी है.