Popular Vehicles & Services IPO Listing Preview: ऑटोमोबाइल डीलरशिप के कारोबार से जुड़ी कंपनी के आईपीओ की आज लिस्टिंग हो गई है. आज कंपनी के शेयर सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market) में लिस्ट हो गए हैं. ये कंपनी नई-पुरानी गाड़ियों की बिक्री, सर्विसिंग-रिपेयरिंग और स्पेयर पार्ट डिस्ट्रीब्यूशन का काम करती है. कंपनी के शेयर बाजार में डिस्काउंट के साथ लिस्ट हुए हैं. कंपनी के शेयरों का इश्यू प्राइस 295 रुपए था और BSE पर लिस्टिंग 1 फीसदी डिस्काउंट के साथ हुई है. कंपनी के शेयर कहां लिस्ट होंगे और रिटेल निवेशकों को आगे कहां स्टॉप लॉस लगाना है, इस पर मार्केट गुरु अनिल सिंघवी (anil singhvi) ने राय दी है.

इस भाव पर लिस्ट हो सकते हैं शेयर

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कंपनी के शेयर 292 रुपए के भाव (1 फीसदी डिस्काउंट) के साथ BSE पर लिस्ट हुए. इसके अलावा NSE पर 1 फीसदी कमजोरी के साथ 289 के भाव पर लिस्ट हुए हैं. कंपनी का इश्यू प्राइस 295 रुपए का था. अनिल सिंघवी ने बताया कि इस इश्यू को कम रिस्पॉन्स मिला है. कंपनी का इश्यू 1.25 गुना ही सब्सक्राइब हुआ है. 

रिटेल इन्वेस्टर को अनिल सिंघवी की सलाह

अनिल सिंघवी ने सलाह दी है कि रिटेल इन्वेस्टर 290 रुपए का स्टॉप लॉस लगा सकते हैं. जिन निवेशकों ने इस कंपनी के आईपीओ में पैसा लगाया था और उनको शेयर अलॉट हुए थे, उनको 290 रुपए का Stop Loss लगाने की सलाह है.

Popular Vehicles & Services IPO की डीटेल्स

  • 12 से 14 मार्च तक खुला 
  • इश्यू प्राइस: ₹295/शेयर
  • इश्यू साइज: ₹601.55 करोड़ 
  • लॉट साइज: 50 शेयर 

Popular Vehicles & Services का कारोबार 

Popular Vehicles & Services की शुरुआत जुलाई 1983 में हुई. कंपनी ऑटोमोबाइल डीलरशिप के कारोबार से जुड़ी हुई है. ये नई-पुरानी गाड़ियों की ब्रिकी, सर्विसिंग-रिपेयरिंग और स्पेयर पार्ट डिस्ट्रीब्यूशन का काम करती है. कंपनी सब्सिडियरीज के जरिए Maruti, Honda, JLR, Tata Motors CVs, BharatBenz, Piaggio और Ather की डीलरशिप का काम करती है. इसके 4 राज्यों में 61 शोरूम और 139 सर्विस सेंटर हैं. 

मैनेजमेंट का क्या है प्लान?

पब्किल इश्यू खुलने से पहले ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने पॉपुलर व्हीकल्स एंड सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर नवीन फिलिप और CFO जॉन वर्गीस से खास चर्चा की. बातचीत में मैनेजमेंट ने कहा कि कंपनी का कारोबार ऑटोमोटिव डीलरशिप का है. फिलहाल फोकस सर्विस सेगमेंट पर है. क्योंकि 55 फीसदी EBITDA का हिस्सा सर्विस सेगमेंट का है. कंपनी का फोकस आगे मार्जिन में सुधार की उम्मीद है. हर साल 7 -8 नए सर्विस सेक्टर शुरू किये. कंपनी को मारुति से कर्नाटक के लिए LoI मिला है.