2023 में कैसा रहा IPO बाजार? किन IPOs ने किया कमाल? जानिए पूरी डिटेल्स यहां
2022 की तुलना में खुदरा निवेशकों की प्रतिक्रिया भी काफी बढ़ी है. खुदरा क्षेत्र से आवेदनों की औसत संख्या 2022 में 5.66 लाख की तुलना में बढ़कर 13.21 लाख हो गई.
नए साल की शुरुआत हो गई है. इस साल IPO मार्केट को लेकर पॉजिटिव अनुमान हैं. इससे पहले 2023 में भी प्राइमरी मार्केट में जबरदस्त एक्शन देखने को मिला. पिछले साल मेन बोर्ड पर कुल 57 IPO लॉन्च हुए. इन कंपनियों ने कुल 49,434 रुपए जुटाए. अच्छे रिस्पांस की वजह रिटेल निवेशकों को उत्साह रहा, जिसके चलते IPO को जमकर सब्सक्राइबर्स मिले.
प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, 57 भारतीय कॉरपोरेट्स ने 2023 में मुख्य बोर्ड IPO के माध्यम से 49,434 करोड़ रुपये जुटाए, जो 2022 में 40 IPO द्वारा जुटाए गए 59,302 करोड़ रुपये से 17 प्रतिशत कम है. हालांकि, 2022 में आए मेगा एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) को छोड़कर, IPO जुटाव पिछले साल से 28 प्रतिशत बढ़ गया.
57 में से 41 IPO को मेगा रिस्पॉन्स
प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, जनता की समग्र प्रतिक्रिया उत्कृष्ट थी. 57 IPO में से 41 IPO को 10 गुना से अधिक की मेगा प्रतिक्रिया मिली (जिनमें से 16 IPO को 50 गुना से अधिक मिली) जबकि नौ IPO को तीन गुना से अधिक ओवरसब्सक्राइब किया गया. बाकी सात IPO को 1 से 3 गुना तक ओवरसब्सक्राइब किया गया.
इन क्षेत्रों को मिले सबसे ज्यादा आवेदन
2022 की तुलना में खुदरा निवेशकों की प्रतिक्रिया भी काफी बढ़ी है. खुदरा क्षेत्र से आवेदनों की औसत संख्या 2022 में 5.66 लाख की तुलना में बढ़कर 13.21 लाख हो गई. खुदरा क्षेत्र से सबसे ज्यादा आवेदन टाटा टेक्नोलॉजीज (52.11 लाख) को प्राप्त हुए, इसके बाद डोम्स इंडस्ट्रीज (41.30 लाख) और आईनॉक्स इंडिया (37.34 लाख) का स्थान रहा).
मूल्य के हिसाब से खुदरा क्षेत्र द्वारा आवेदन किए गए शेयरों की मात्रा (1,49,988 करोड़ रुपये) कुल IPO जुटाव से 203 प्रतिशत अधिक थी (2022 में 22 प्रतिशत कम होने की तुलना में) फिर से इस दौरान खुदरा क्षेत्र से काफी उच्च स्तर का उत्साह दिखा. हालाँकि, खुदरा क्षेत्र में कुल आवंटन 13,749 करोड़ रुपये था, जो कुल IPO जुटाव का 28 प्रतिशत था (2022 में 29 प्रतिशत से थोड़ा कम).