शेयर बाजार में इलेक्ट्रॉनिक मार्ट इंडिया (Electronics Mart India) की लिस्टिंग होने वाली है. सोमवार को सुबह 10 बजे इलेक्ट्रॉनिक मार्ट इंडिया का शेयर NSE और BSE दोनों एक्सचेंज पर लिस्ट होगा. इससे पहले कंपनी के IPO को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था. IPO 71.93 गुना भरकर बंद हुआ था.  4-7 अक्टूबर के दौरान कंपनी को 6.25 करोड़ शेयरों के मुकाबले 449 करोड़ शेयरों पर बोली मिली थी.

पब्लिक इश्यू को मिला जबरदस्त रिस्पांस

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निवेशकों ने इलेक्ट्रॉनिक मार्ट के पब्लिक इश्यू को हाथोंहाथ लिया था. क्वालिफाइड इन्वेस्टर्स बायर्स (QIB) के लिए तय हिस्सा 169.54 गुना भरा. गैर-संस्थागत निवेशकों (NIIs) का हिस्सा 63.59 गुना और रिटेल निवेशकों (RIIs) का हिस्सा 19.71 गुना भरा था. कंपनी ने IPO के लिए 56 से 59 रुपए प्रति शेयर प्राइस बैंड तय किया था. यानी एक लॉट में निवेशकों को 254 शेयर मिले. कंपनी ने IPO के जरिए 500 करोड़ रुपए की रकम जुटाई. इस फंड का इस्तेमाल वेयरहाउस और स्टोर्स खोलने, कारोबार विस्तार और कर्ज भुगतान के लिए किया जाएगा. 

कंपनी का प्रोडक्ट्स फोकस अप्लायंसेज पर

इलेट्रॉनिक मार्ट देश की चौथी सबसे बड़ी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेलर है. इसका ज्यादातर बिजनेस आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में है. कंपनी की  ज्यादातर आय दक्षिण भारत से ही आती है. कंपनी का प्रोडक्ट्स फोकस अप्लायंसेज पर है, जिसमें AC, TV, वाशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर, मोबाइल समेत IT और अन्य शामिल हैं.

रेवेन्यू और कामकाजी मुनाफा दमदार

इलेक्ट्रॉनिक मार्ट इंडिया की स्थापना 1980 में हुई थी. पवन कुमार बजाज और करण बजाज कंपनी के प्रोमोटर्स हैं. कंपनी के फाइनेंशियल्स पर नजर डालें तो FY16-21 के दौरान रेवेन्यू CAGR 17.9 फीसदी है. कोविड के बावजूद EBITDA मार्जिन FY20-22 के दौरान 6 से 7 फीसदी रहा. 

शेयर बाजार का हाल

ग्लोबल संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. बीते हफ्ते बाजार के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी पौना परसेंट नीचे बंद हुए. महीनेभर बाजार करीब 2.5 फीसदी टूट चुका है. क्योंकि विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी है. FPIs ने अक्टूबर में अबतक 7458 करोड़ करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली कर चुके हैं. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली का मुख्य वजह डॉलर में लगातार बढ़ोतरी है, जो आगे भी बरकरार रह सकती है.