Anil Singhvi on Abans Holding IPO: आईपीओ निवेशकों को मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने रेड अलर्ट जारी किया है. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने कहा कि शेयर बाजार के भोले-भाले निवेशकों को Abans Holding IPO से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. उन्होंने मुख्य रूप से दो बातें कहीं. पहला कि इस कंपनी के साथ ऐसा कुछ भी पॉजिटिव नहीं है, जिसके कारण निवेशकों को पैसा फंसाना चाहिए. निगेटिव की बात करें तो जितनी चर्चा की जाए वह कम है. उन्होंने साफ-साफ कहा कि इस आईपीओ की पूरी तरह AVOID करें. इस कंपनी पर दांव नहीं लगाने के लिए उन्होंने 6 प्रमुख वजहें बताई हैं.

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निवेश नहीं करने के 6 प्रमुख कारण

1. कंपनी का बिजनेस मॉडल फिक्स नहीं है. यह पैसा बनाने के लिए कुछ भी कर लेती है. कंपनी का विजन पूरी तह अस्पष्ट है. कंपनी का बिजनेस फाइनेंशियल सर्विसेज, गोल्ड रिफाइनिंग, ज्वैलरी, कमोडिटी ट्रेडिंग, एग्रीकल्चर ट्रेडिंग और वेयर हाउसिंग का है. इसके अलावा कंपनी का कारोबार सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और रियल एस्टेट में भी है. अबंस ग्रुप कॉर्पोरेट, इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स और HNI को इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी और वेल्थ मैनेजमेंट सर्विसेज भी देता है.

2. कंपनी का रेवेन्यू ग्रोथ नहीं है. यह लगातार घट रहा है. फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में कंपनी का रेवेन्यू 2765 करोड़ का था. 2021-22 में यह घटकर 638 करोड़ पर आ गया. दो सालों में कंपनी का रेवेन्यू 50 फीसदी की दर से घटा है. चालू वित्त वर्ष में 31 अगस्त तक कंपनी का रेवेन्यू 285 करोड़ का है.

3. अमूमन कंपनियां सब्सिडियरी की मदद से अलग-अलग पोर्टफोलियो का बिजनेस करती हैं. अबंस होल्डिंग्स की 17 सब्सिडियरी कंपनी है जो बहुत ज्यादा है. ये सभी कंपनियां कंसोलिडेटेड बेसिस पर किस तरह होल्डिंग कंपनियों में एक्शन और परफॉर्म कर रही हैं इसको लेकर माथापच्ची ज्यादा है.

4. कंपनी कानूनी परेशानियों से गुजर रही है. पहला कानूनी अड़चन SEBI की तरफ से है. ग्रुप की एक अन्य कंपनी का जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो गया है. यह अच्छा रेवेन्यू लेकर आ रही थी.

5. अबंस ग्रुप ने कुछ अनलिस्टेड इन्वेस्टमेंट किया है. कुछ निवेश डिबेंचर में है और कुछ निवेश कंपलसरी कन्वर्टिबल इक्विटी में भी निवेश किया गया है. यह क्यों किया गया है और इसपर क्या रिटर्न आ रहा है, इसकी जानकारी नहीं है.

6. इस आईपीओ में 250 करोड़ का ऑफर फॉर सेल यानी OFS और 100 करोड़ का फ्रेश इश्यू है. फ्रेश इश्यू के 100 करोड़ से 80 करोड़ एक सब्सिडियरी कंपनी को जाएगा. इस सब्सिडियरी का नाम है ABans Finance. इस कंपनी का रेवेन्यू महज 31 करोड़ है.

तीन दिनों में 45% सब्सक्रिप्शन

Abans Holdings IPO का आज आखिरी दिन है. 12 दिसंबर को यह आईपीओ खुला था. इश्यू प्राइस 256-270 रुपए का रखा गया है. इश्यू साइज करीब 350 करोड़ का है. तीन दिनों में इस आईपीओ को 46 फीसदी सब्सक्रिप्शन मिला है.

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