इंडियन इकोनॉमी में तेजी आने की उम्मीद है. सरकार और RBI दोनों ही भरोसा जता चुके हैं कि इकोनॉमी में जल्द ही बाउंस बैक देखने को मिलेगा. विश्लेषक भी मान रहे हैं कि आने वाला समय बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 250 कंपनियों में निवेश के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. वहीं, इसमें निवेशकों को भी फायदा मिलने के आसार हैं. यही देखते हुए महिंद्रा म्यूचुअल फंड ने टॉप-250 निवेश योजना लॉन्च की थी. 20 दिसंबर को यह योजना बंद हो जाएगी. यह योजना निवेश में वृद्धि और स्थिरता पर फोकस करेगी.

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महिंद्रा म्यूचुअल फंड के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (CMO) जतिंदर पाल सिंह के मुताबिक, महिंद्रा टॉप-250 निवेश योजना का लक्ष्य एक ऐसा पोर्टफोलियो तैयार करना है, जिसका लॉर्ज और मिडकैप कंपनियों में बराबर एक्सजोपर हो. साथ ही यह बाजार चक्र के आधार पर टैक्टिकल कॉल ले. सिंह के मुताबिक, टॉप 250 निवेश योजना उन निवेशकों के लिए फायदेमंद है, जो लंबी अवधि में मुनाफा और एक मोटा फंड तैयार करना चाहते हैं. यह स्कीम क्वालिटी, आउटलुक और वैल्यूएशन (QOV) प्रक्रिया के जरिए बेहतर रिटर्न की संभावना देती है. 

महिंद्रा म्यूचुअल फंड का NFO 6 दिसंबर को खुला है और 20 दिसंबर को बंद होगा. यह स्कीम लगातार बिक्री और खरीदी के लिए फिर से अलॉटमेंट की तारीख के बाद 5 व्यवसायिक दिन (वर्किंग-डे) के अंदर खुलेगी. फिलहाल टॉप 250 कैटेगरी ने बेहतर रिटर्न निवेशकों को दिया है, जिसमें 7 और 10 साल की अवधि में इसने कभी निगेटिव रिटर्न नहीं दिया है. 

30 जून 2019 के आधार पर भारतीय बाजार के कुल बाजार पूंजीकरण का करीब 89 फीसदी हिस्सा, इन 250 कंपनियों के पास है. जानकारों के मुताबिक, NFO एक बेहतर सिस्टम है जिसके जरिए निवेश में लॉर्ज और मिडकैप में मुनाफा बनाया जा सकता है. लॉर्ज कैप इंडेक्स, निफ्टी और बीएसई सेंसेक्स भले ही नई ऊंचाई पर हों, पर इनका मूल्यांकन अभी भी कम है.

जतिंदर पाल सिंह के मुताबिक, स्कीम की योजना सभी बाजार पूंजीकरण में एलोकेट करने की है, जो टॉप डाउन और बॉटम अप रणनीति को मिलाजुला होगा. साथ ही रिसर्च और आउटलुक पर भी आधारित होगा. यह स्कीम 70-199 फीसदी भारत की टॉप 250 कंपनियों में निवेश करेगी. हालांकि, जब जरूरत होगी तो पोर्टफोलियो को री-एलोकेटेड भी किया जा सकता है. नियम आधारित पोर्टफोलियो में लॉर्ज कैप और मिड कैप में 35-35 फीसदी का निवेश होगा.