Risk O Meter SEBI: मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कमोडिटी में निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड स्कीम पर पर भी रिस्क-ओ-मीटर (Risk-o-meter) को लागू किया है. सेबी ने कहा कि यह नए नियम तत्काल प्रभाव से लागू होंगे. इसके लिए सोमवार को एक डीटेल्ड गाइडलाइंस को जारी किया गया है.

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सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने सोमवार को कहा कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाली कमोडिटी के रिस्क के वैल्यूएशन करने के लिए इन स्कीम में रिस्क-ओ-मीटर (Risk-o-meter) को लागू करने का निर्णय लिया गया है. सेबी ने कहा कि कमोडिटी के बेंचमार्क में 15 साल के उतार चढ़ाव के आधार पर रिस्क-ओ-मीटर को लागू किया जाएगा. 

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कैसे होगा कैलकुलेशन

SEBI ने बताया कि अगर इन कमोडिटी में उतार-चढ़ाव 10 फीसदी से कम है, तो रिस्क मॉडरेट होगा. वहीं, 10-15 फीसदी उतार-चढ़ाव होने पर मॉडरेटली हाई रिस्क और 15 से 20 फीसदी उतार चढ़ाव होने पर हाई रिस्क कैटेगरी होगी. 20 फीसदी से अधिक उतार चढ़ाव होने पर इसे वेरी हाई रिस्क कैटेगरी में रखा जाएगा.

सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा कि यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा.