भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह कुछ घरेलू व विदेशी कारकों से उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिल सकता है, जिसका एक कारण यह भी है कि महीने के आखिर में फ्यूचर्स व ऑप्शंस (एफएंडओ) के मार्च एक्सपायरी अनुबंधों की समाप्ति हो रही है, जिससे कारोबारी अगले महीने के एफएंडओ सेगमेंट में अपनी पोजीशन बनाएंगे. पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख संवेदी सूचकांकों में बढ़त का सिलसिला जारी रहा. हालांकि कारोबारी सप्ताह के आखिरी सत्र में मुनाफावसूली के कारण गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद बाजार में अस्थिरता का माहौल बना रह सकता है.

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अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को सुलझाने की दिशा में होने वाली प्रगति से वैश्विक बाजार पर असर देखने को मिल सकता है और वैश्विक संकेतों से भारतीय बाजार को दिशा मिल सकती है.

इस सप्ताह जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों के साथ-साथ डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव से भी घरेलू शेयर बाजार को दिशा मिलेगी. बीते सप्ताह कच्चे तेल में नरमी का रुझान देखने को मिला. खबरों के अनुसार, अमेरिका और चीन अगले सप्ताह बीजिंग में बातचीत शुरू होने जा रही है, जिसपर बाजार की नजर होगी.

इसके अलावा, घरेलू इन्फ्रास्ट्रक्चर आउटपुट के आंकड़े 29 मार्च को जारी होने की संभावना है. उधर, बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक समीक्षा की 14-15 मार्च की बैठक में बैंक के बोर्ड के सदस्यों की राय 25 मार्च को जारी हो सकती है. उधर, बेक्सिट के मसले पर होने वाली प्रगति से भी बाजार प्रभााित हो सकता है. यूरोपीय संघ ने बेक्सिट के लिए तय समयसीमा 22 मई तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है.