Rupees Vs Dollar: भारतीय रुपए पर लगातार दबाव देखा जा रहा है. आज यह कारोबार के दौरान 84.23 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक फिसल गया. FII की बिकवाली जारी है. 5 नवंबर को कैश मार्केट में विदेशी निवेशकों ने फिर 2570 करोड़ रुपए की बिकवाली की. इसके अलावा अमेरिकी चुनाव के रिजल्ट आने से पहले डॉलर इंडेक्स में जोरदार तेजी है. यह डेढ़ फीसदी की तेजी के साथ 105 के करीब पहुंच गया है. रुपए की कमजोरी के लिए ये 2 बड़े कारण हैं.

मंगलवार को 14 पैसा फिसला था रुपया

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विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अमेरिकी चुनाव के बीच बाजार में अस्थिरता के संकेत दिखने लगे हैं. इसके परिणाम स्पष्ट होने पर ही यह हलचल थमने की संभावना है. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.23 प्रति डॉलर पर खुला जो पिछले बंद भाव से 14 पैसे की गिरावट दर्शाता है. रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.09 पर बंद हुआ था. 

डॉलर इंडेक्स में अच्छी तेजी

इस बीच डॉलर इंडेक्स 105 के करीब पहुंच गया है. यह इंडेक्स की दुनिया की छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर की मजबूती को बतलाता है. कच्चा तेल पर दबाव देखा जा रहा है. ब्रेंट क्रूड डेढ़ फीसदी की गिरावट के साथ 75 डॉलर प्रति बैरल के नीचे फिसल गया है. 

ट्रंप की जीत से डॉलर को मिलेगी मजबूती

बता दें कि ट्रंप के जीतने पर वह ग्रोथ को बूस्ट करेंगे और टैक्स में कटौती करेंगे. इंपोर्ट पर टैरिफ हाइ किया जा सकता है. ये तमाम बातें उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान की हैं. नतीजन वहां इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगा और कंजप्शन बढ़ने से इंफ्लेशन डेटा मजबूत होगा. इसके कारण फेडरल रिजर्व के लिए रेट कट करना थोड़ा मुश्किल होगा. यह स्थिति डॉलर और यील्ड में मजबूती को सपोर्ट करता है. यही वजह है कि डॉलर इंडेक्स मजबूती दिखा रहा है.