Dollar vs Rupees: रुपए पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. आज हफ्ते के पहले कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 84.66 के निचले स्तर तक फिसल गया. रुपए में 17 पैसे की कमजोरी दर्ज की गई. डॉलर इंडेक्स में लगातार आ रही तेजी के कारण भारत समेत अन्य देशों की करेंस पर दबाव बढ़ रहा है. FII यानी विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी है जिसके कारण इंडियन करेंसी को लेकर फंडामेंटल कमजोर हो रहा है. FII ने नवंबर महीने में भारतीय शेयर बाजार में कैश मार्केट में नेट आधार पर करीब 46 हजार करोड़ रुपए की बिकवाली की है.

FII की बिकवाली के कारण रुपए पर दबाव

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विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी ने निवेशकों की भावनाओं को और प्रभावित किया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.59 प्रति डॉलर पर खुला और सीमित दायरे में कारोबार करता हुआ 84.58 प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले केवल दो पैसे की बढ़त दर्शाता है. शुरुआती कारोबार में यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निम्न स्तर 84.60 पर भी पहुंच गया. रुपया शुक्रवार को अपने सर्वकालिक निचले स्तर 84.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

डॉलर इंडेक्स में लगातार आ रहा उछाल

डॉलर इंडेक्स की बात करें तो इसमें आधे फीसदी की तेजी है और यह 106.3 की रेंज में कारोबार कर रहा है. यह इंडेक्स दुनिया की छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर की मजबूती को बतलाता है. जब इंडेक्स में उछाल आता है तो इसका मतलब डॉलर मजबूत हो रहा है. ब्रेंट क्रूड ऑयल में आधे फीसदी की तेजी है और यह 72.3 डॉलर प्रति बैरल की रेंज में कारोबार कर रहा है. 10 साल की अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.21% पर है.

इन तमाम फैक्टर्स के कारण रुपए पर दबाव

रुपए में गिरावट के लिए कई सारे फैक्टर्स जिम्मेदार हैं. भारत का GDP ग्रोथ 7 तिमाहियों में सबसे कमजोर रहा है. FII की बिकवाली जारी है और पिछले दो महीने में करीब 1.6 लाख करोड़ की भारी बिकवाली हुई है. फॉरन एक्सचेंज रिजर्व 5 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. पिछले 7 हफ्तो में फॉरन एक्सचेंज रिजर्व 47 बिलियन डॉलर घटा है. रिजर्व बैंक रुपए को सपोर्ट करने का लगातार प्रयास कर रहा है लेकिन रिजल्ट उतना पॉजिटिव नहीं है. पिछले एक महीने में डॉलर के मुकाबले रुपया 70 पैसे फिसल चुका है.

डॉलर के मुकाबले 85 के नीचे तक फिसल सकता है रुपया

रुपए पर अभी दबाव बने रहने की उम्मीद है. आने वाले समय में यह डॉलर के मुकाबले 85 के स्तर तक फिसल सकता है. रिसर्च फर्म HDFC सिक्योरिटीज ने रुपए के 84.35 -84.94 तक फिसलने का आउटलुक जारी किया है. केडिया कमोडिटी ने 85 के स्तर तक फिसलने की आशंका जताई है. मोतीलाल ओसवाल ने रुपया के 85.50 के स्तर तक फिसलने का अनुमान लगाया है.