जुलाई-सितंबर तिमाही में इंडियन कॉरपोरेट वर्ल्ड का रेवेन्यू 8 से 10 फीसदी बढ़ सकता है इसी के साथ इसमें ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन के भी बेहतर होने के संकेत हैं. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में के अनुसार, सितंबर तिमाही बीती चार तिमाहियों में पहली बार रेवेन्यू ग्रोथ हासिल करने की स्थिति में रहेगी साथ ही इस तेजी में व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी)सर्विस एरिया की कंपनियों की अहम भूमिका रहने का भी अनुमान लगाया जा रहा है. इतना ही नहीं क्रिसिल का ये भी कहना है कि कंपनियों के टोटल रेवेन्यू में 70 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले नौ क्षेत्र इस तिमाही में रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज करेंगे. 

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क्या कहती है Crisil की रिपोर्ट

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया जिसमें कहा गया कि सितंबर तिमाही बीती चार तिमाहियों में पहली बार रेवेन्यू ग्रोथ हासिल करने की स्थिति में है.  इसकी तेजी से  व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT)सर्विस एरिया की कंपनियों की अहम भूमिका रहने का भी अनुमान है. बता दें कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2023) में भारतीय कंपनियों की  रेवेन्यू ग्रोथ सालाना आधार पर सात फीसदी रही थी.

300 कंपनियों का किया अनेलिसिस

क्रिसिल ने कहा कि उसका यह आकलन बैंक एवं तेल क्षेत्रों से इतर की 300 कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित है वहीं  क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के निदेशक (रिसर्च)अनिकेत दानी ने कहना है कि रिवेन्यू  में ग्रोथ काफी हद तक कन्ज्यूमर्स की चाहत से जुड़े प्रोडक्ट एंड सर्विस पर बेस्ड रहती है. इसमें ऑटोमोबाइल और रिटेल सेक्टर सबसे आगे रहे और निर्माण से जुड़े क्षेत्रों ने भी अच्छा प्रदर्शन भी किया है. हालांकि रिपोर्ट कहती है कि एग्रीकल्चर से जुड़े क्षेत्र जैसे फर्टिलाइजर, केलेकिल एंड एलिमोनियम  में गिरावट नहीं रहने पर स्थिति और भी बेहतर रहती.

70% का हो सकता रेवेन्यू ग्रोथ

क्रिसिल ने कहा कि कंपनियों के कुल रेवेन्यू  में 70 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले नौ क्षेत्र इस तिमाही में रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज करेंगे और साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि भारतीय कंपनियों का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन भी आलोच्य तिमाही में बढ़कर 20 फीसदी हो जाने का अनुमान है जबकि जुलाई-सितंबर, 2022 में यह 17.2 फीसदी पर था. हालांकि अप्रैल-जून तिमाही के 20.5 फीसदी की तुलना में लाभ मार्जिन में मामूली गिरावट आ सकती है.

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